डोपिंग में मदद के लिए आजीवन सजा
५ अगस्त २०१४ब्रिटेन की एंटी डोपिंग एजेंसी (यूकेएडी) ने इन प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए कहा है कि फिलिप टिंकलिन पहले व्यक्ति हैं जिन पर एजेंसी ने आजीवन प्रतिबंध लगाया है. वेल्स पुलिस की एक जांच के बाद टिंकलिन पर डोपिंग विरोधी तीन नियमों को तोड़ने के आरोप लगे. अदालत ने उन्हें अनाबोलिक एस्टरॉयड की सप्लाई की साजिश रचने का दोषी पाया. ब्रिटिश एंटी डोपिंग एजेंसी ने कहा है कि फिलिप टिंकलिन की बेटी सोफी पर फरवरी 2018 तक की रोक लगा दी गई है.
सोफी को प्रतिबंधित दवाओं को बांटने में उसकी भूमिका के लिए सजा दी गई है, हालांकि उसके खुद के इन दवाओं के सेवन के सबूत नहीं पाए गए. हालांकि फिलिप टिंकलिन औपचारिक कोच नहीं थे लेकिन एंटी डोपिंग एजेंसी का कहना है कि उनकी बेटी सोफी और दूसरे युवा बॉक्सरों के करियर में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है, इसलिए वे सपोर्ट स्टाफ की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं और उनपर एंटी डोपिंग नियमों के तहत प्रतिबंध लगाया जा सकता है. एजेंसी के अनुसार टिंकलिन के पांचो बच्चे बॉक्सिंग करते हैं और वे एथलीटों के सपोर्ट स्टाफ की श्रेणी में आते हैं.
आजीवन प्रतिबंध
ब्रिटिश एंटी डोपिंग एजेंसी के प्रमुख एंडी पार्किंसन ने एक बयान में कहा, "यह ब्रिटेन की एंटी डोपिंग का एक और ऐतिहासिक मामला है, सपोर्ट स्टाफ के लिए आजीवन प्रतिबंध और कानून लागू करने वाले समुदाय के साथ हमारे सहयोग के मूल्य का महत्वपूर्ण प्रदर्शन." पार्किंसन का कहना है कि यह मामला दिखाता है कि 2009 में यूकेएडी की इंटेलिजेंस आधारित एंटी डोपिंग संस्था के रूप में गठन के बाद से यह संस्था किस ओर बढ़ रही है. उन्होंने कहा, "प्रदर्शन को बेहतर करने वाली दवाओं की तस्करी में लिप्त लोगों के लिए खेल में कोई जगह नहीं है."
पुलिस ने जुलाई 2012 में टिंकलिन के घर से टेस्टोस्टेरोन और स्टैनोजोलोल जैसी प्रतिबंधित दवाएं बरामद की थी. उनकी दलील थी कि वे वेल्स गैरपेशेवर बॉक्सिंग संगठन के एंटी डोपिंग नियमों के अंतर्गत नहीं आते हैं. उन्होंने अक्टूबर 2011 से जुलाई 2012 तक प्रतिबंधित शक्तिवर्द्धक दवाएं रखने और उनकी आपूर्ति करने का अपराध कबूल किया था और उन्हें एक साल के सशर्त प्रतिबंध की सजा दी गई थी.
एमजे/आईबी (एपी, रॉयटर्स)