डेविस को राजनयिक संरक्षण प्राप्त नहीं: अदालत
४ मार्च २०११मामले की पिछली सुनवाई के दौरान डेविस ने अदालत में एक आवेदन दायर कर कहा कि उसे संरक्षण प्राप्त है. डेविस की गोली से मारे गए दो पाकिस्तानी लोगों के परिजनों के वकीलों और अभियोजन पक्ष के वकीलों ने गुरुवार को इस मामले में अपनी दलीलें पेश कीं. मुकदमे की कार्यवाही अत्यधिक सुरक्षा वाली कोट लाहौर की लखपत जेल में ही चली जहां डेविस कैद हैं.
बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सेशन जज यूसुफ औजला ने कहा कि डेविस की तरफ से कोई ऐसा कानूनी दस्तावेज पेश नहीं किया गया है जिससे पता चलता हो कि उसे राजनयिक संरक्षण प्राप्त है. जज ने कहा कि इस बारे में अमेरिकी दूतावास की तरफ से दिया एक नोट डेविस का राजनयिक दर्जा साबित करने के लिए काफी नहीं है. राजनयिक संरक्षण का दावा करने वाली डेविस की अर्जी को जज ने खारिज कर दिया और कहा कि अदालत को इस बात का अख्तियार है कि डेविस पर दो पाकिस्तानियों के कत्ल के मामले में मुकदमे को आगे बढ़ाया जाए.
जब बचाव पक्ष के वकीलों ने जज को बताया कि उन्हें डेविस पर लगाए गए आरोपों से जुड़े सभी दस्तावेज मुहैया नहीं कराए गए हैं तो औजला ने अभियोजन पक्ष को ऐसा करने का निर्देश दिया और मामले को 8 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया. डेविस की गोली से मारे गए लोगों के परिजनों के वकीलों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि अदालत अगली सुनवाई पर डेविस पर औपचारिक रूप से आरोप तय कर देगी.
गुरुवार को मामले में डेविस की पैरवी तीन वकीलों ने की जिनमें जाहिद हुसैन बुखारी भी शामिल हैं जो लाहौर हाई कोर्ट के जज रह चुके हैं. अमेरिकी कॉन्सुलेट जनरल कार्मेला कॉनरॉय भी सुनवाई के दौरान मौजूद थीं. पिछली सुनवाई के दौरान डेविस ने चार्जशीट पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया. उसने जोर देकर कहा कि उसे राजनयिक संरक्षण प्राप्त है. डेविस ने कहा कि पाकिस्तान अदालत उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती. अमेरिकी सरकार भी डेविस को राजनियक संरक्षण का हवाला देकर उसकी तुरंत रिहाई की मांग कर रही है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह