जियोथर्मल ऊर्जा से बचत
१९ जून २०१४एल सल्वाडोर का सबसे बड़ा जियोथर्मल कारखाना एक छोटे शहर में बनाया गया है. नए निवेश की मदद से जमीन से और ज्यादा भाप निकाला जा सकता है. भाप टरबाइनों को चलाती है और वो भी बिना जहरीली कार्बनडायोक्साइड के. जर्मन अंतरराष्ट्रीय सहयोग संस्थान जीआईजेड धरती से मिलने वाली इस ऊर्जा को और प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करना चाहता है. जीआईजेड के रायनर श्रोएर्स कहते है कि इस संयंत्र में तीस मेगावॉट बिजली बनाई जाती है.
ये संयंत्र और बिजली बना सकता है लेकिन टरबाइन से निकलने वाला भाप इंजीनियरों के लिए बेकार जा रही ऊर्जा है. अगर टरबाइन दिन भर चलती रहें तो ये जरूरत से ज्यादा बिजली बनाती हैं. श्रोएयर्स की मदद से सस्ती खनन कंपनी ढूंढी जा रही है. एल सल्वाडोर में ला गेओ नाम की कंपनी के लिए काम कर रहे ऑस्कर सल्वाडोर वाये कहते हैं, "यहां सिर्फ ये दो ही संयंत्र नहीं होंगे बल्कि और भी लगाए जाएंगे. अभी हम दो और साइट्स देख रहे हैं. फिर हमारे पास चार साइट्स होंगी. हम अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहते हैं. अभी पूरे बाजार में हमारी एक चौथाई हिस्सेदारी है. हमारे पास भरपूर प्राकृतिक संसाधन है, हम इसे बढ़ाना चाहते हैं. दो और साइट्स की हम जांच करेंगे."
पानी के गरम कुंड अल सल्वाडोर में बहुत हैं. यहां इतनी क्षमता है कि पूरे देश को कार्बनडायोक्साइड मुक्त बिजली मिल सकती है. देश में 22 ज्वालामुखी सक्रिय हैं लेकिन इस ऊर्जा का इस्तेमाल लोग कम ही करते हैं. एल सल्वाडोर में बहुत कम कंपनियां ऐसी हैं जो जमीन से मिलने वाली ऊर्जा का इस्तेमाल करती हैं.
पौधों की नर्सरी चलाने वाले कार्ल क्रून कहते हैं कि अगर जियोथर्मल ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाए, तो उनकी खूब बचत होगी, "हमारा बिजली का बिल प्रति महीना चालीस हजार डॉलर का है. ये खर्च पंखे और कूलिंग के लिए होता है. हीटिंग का खर्च सालाना चार लाख डॉलर का है, तो हमारी हर स्थिति में बचत होगी. लेकिन हमारे लिए अहम है कि टिकाऊ और साफ सुथरे माहौल में उत्पादन करें. मामला सिर्फ पैसे का नहीं है."
मामला मध्य अमेरिका की दूसरी कंपनियों का भी है. देश और इलाके की दूसरी कंपनियों के लिए यह मॉडल हो सकता है. साफ ऊर्जा और सस्ते स्रोत यहां उपलब्ध हैं, सिर्फ इस्तेमाल करने की देर है.
रिपोर्टः मानुएल ओत्सेर्केस/एएम
संपादनः मानसी गोपालकृष्णन