जांच पूरी होने तक मैं निर्दोष हूं: कलमाड़ी
२४ दिसम्बर २०१०सीबीआई ने कॉमनवेल्थ खेल आयोजन समिति और भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी के घर और दफ्तरों पर छापे मारे. मुंबई में उनके दफ्तर पर और पुणे में फॉर्महाउस पर भी सीबीआई के अधिकारी पहुंचे. दिल्ली में सीबीआई की छापेमारी करीब आठ घंटे तक चली. अधिकारियों ने कॉमनवेल्थ घोटाले के आरोपी कलमाड़ी का लैपटॉप, हार्ड डिस्क और कई दस्तावेज जब्त कर लिए.
छापों के बाद सुरेश कलमाड़ी ने सफाई दी और कहा, ''दोषी साबित न होने तक वह निर्दोष हूं.'' उन्होंने खुद को हर तरह की जांच के लिए तैयार भी बताया. कलमाड़ी ने फिर कहा कि उन्होंने खेलों और उसकी तैयारियों से जुड़ा कोई फैसला अकेले नहीं किया. यानी उन्होंने संकेत दिए कि अगर वह आरोपी हैं तो और भी आरोपी हैं.
इस बाबत सीबीआई कलमाड़ी के तीन प्रमुख सहयोगियों को गिरफ्तार कर चुकी है. शुक्रवार को जांच एजेंसी ने कलमाड़ी के सचिव मनोज भोरे के ठिकानों की भी तलाशी ली. सीबीआई का आरोप है कि कलमाड़ी जांच के काम में बाधा डाल रहे हैं. कलमाड़ी इससे इनकार करते हैं. वह कहते हैं कि जांच में सहयोग किया जा रहा है और कोई दस्तावेज भी गायब नहीं हुआ है.
भारत में इस साल अक्टूबर में कॉमनवेल्थ खेलों का आयोजन हुआ. खेलों के आयोजन में 70 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए. सात साल पहले खेलों के लिए 600 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था. इसके बाद बजट 24,000 करोड़ रुपये का हुआ. खेल खत्म होने के बाद पता चला कि भ्रष्टाचार और लेट लतीफी के चलते आम आदमी के 70,000 करोड़ रुपये फूंक दिए गए.
भ्रष्टाचार के आरोप सिर्फ खेल आयोजन समिति और सुरेश कलमाड़ी पर ही नहीं लग रहे हैं. दिल्ली सरकार और उसके कई मंत्रियों और विभागों पर भी पैसा डकारने के आरोप हैं. कलमाड़ी खुद कह चुके हैं कि, ''शीला दीक्षित पहले विभागों के भ्रष्टाचार को देंखें, फिर मेरे ऊपर निशाना साधें.'' लेकिन हैरानी की बात है कि अभी तक दिल्ली की कांग्रेस सरकार के तक जांच की आंच नहीं पहुंची है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एस गौड़