जर्मनी में 20 लाख से ज्यादा कोरोना के मरीज
१५ जनवरी २०२१जर्मनी में गुरुवार को बीते 24 घंटे में 1200 लोगों की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई. इसे मिलाकर अब तक 45,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. इनमें से आधी संख्या उन लोगों की है जिन्होंने केवल दिसंबर महीने में अपनी जान गंवाई. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने गुरुवार को सत्ताधारी पार्टी सीडीयू की बैठक के दौरान कहा कि वे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात करके आगे के कदमों का एलान करेंगी. यह बैठक पहले 25 जनवरी को होने वाली थी लेकिन अब इसे और पहले किया जाएगा. मैर्केल का मानना है कि वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कुछ और कदम उठाना जरूरी हो गया है. चांसलर ने ब्रिटेन में सामने आए वायरस के नए संस्करण को लेकर भी चिंता जताई है.
सख्त होगी तालाबंदी
जर्मनी में कोरोना वायरस के पहले चरण में अपने पड़ोसी देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया था लेकिन दूसरे दौर में यह धारणा बदल गई. हर रोज औसतन 25,000 लोगों के संक्रमित होने के कारण जर्मनी की स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ता जा रहा है और बीमारी को रोकने की दिशा में कोई ठोस उपाय अब तक कारगर होता नहीं दिखा है. जिन कठोर उपायों पर अब चर्चा होने जा रही है उनमें सीमा पर चेकिंग और बेहतर क्वॉलिटी वाले एपएफपी2 मास्क को ज्यादा लोगों की आमदरफ्त वाली कुछ जगहों पर जरूरी किया जा सकता है. इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम जो फिलहाल वैकल्पिक है, उसे जरूरी बनाने पर भी विचार किया जा रहा है.
जर्मनी में बार, जिम, सांस्कृतिक केंद्र, क्लब और मनोरंजन वाली जगहें नवंबर की शुरुआत से ही बंद हैं. इसके बाद दिसंबर से गैरजरूरी दुकानों और स्कूलों को भी बंद कर दिया गया. अधिकारी लोगों का सामाजिक संपर्क और घटाने के तरीकों पर भी विचार कर रहे हैं. फिलहाल अपने परिवार के अलावा केवल एक और व्यक्ति से मिलने की ही अनुमति है.
संपूर्ण तालाबंदी नहीं
कोरोना के खिलाफ चल रहे कार्यक्रमों का नेतृत्व कर रहे रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट, आरकेआई के प्रमुख लोथार वीलर ने बर्लिन में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, "जो उपाय हम फिलहाल कर रहे हैं मेरे लिहाज से वो संपूर्ण तालाबंदी नहीं हैं. इसके अलावा भी और बहुत कुछ करने को है." आरकेआई के मुताबिक बहुत सारे उपाय करने के बावजूद सड़कों पर लोगों की संख्या उतनी कम नहीं हो रही है जितनी कि पहले दौर के लॉकडाउन के दौरान थी.
8.3 करोड़ की आबादी वाले जर्मनी में दिसंबर के आखिर में टीका लगाने का काम शुरू हुआ. गुरुवार तक 8.3 लाख लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है. कोरोना की वजह से थुरिंजिया राज्य के क्षेत्रीय चुनावों को टाला गया. पहले यह चुनाव 25 अप्रैल को होने थे जो अब 26 सितंबर को होंगे. फिलहाल यह राज्य महामारी का केंद्र बना हुआ है. यहां बीते सात दिनों में हर एक लाख की आबादी पर 310 नए मामले सामने आए हैं. सितंबर में जर्मनी के राष्ट्रीय चुनाव भी होने हैं. बीते 15 साल में यह पहला चुनाव होगा जिसमें चांसलर मैर्केल शामिल नहीं होंगी.
एनआर/आईबी (एएफपी)
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