जर्मनी को शर्मिंदा करता बर्लिन एयरपोर्ट
१७ मई २०१२बर्लिन ब्रांडेनबुर्ग एयरपोर्ट यूरोप के सबसे बड़े आधारभूत ढांचे वाली परियोजनाओं में से एक है. लेकिन प्लानिंग में हुई खामियों और सुरक्षा संबंधी चिंताओं की वजह से एयरपोर्ट निर्माण का काम पूरा नहीं हो पा रहा है.
अधिकारियों का दावा था कि यह दुनिया का सबसे आधुनिक एयरपोर्ट होगा. इसकी क्षमता पांच करोड़ यात्री सालाना है. लेकिन परियोजना निर्धारित समय से नौ महीने पीछे चल रही है. मई में काम पूरा न होने के बाद अधिकारियों ने कहा कि हवाई अड्डा अक्टूबर तक तैयार हो जाएगा. लेकिन गुरुवार को यह भ्रम भी टूट गया. बर्लिन के मेयर क्लाउस वोवेराइट ने एलान किया कि एयरपोर्ट 17 मार्च 2013 से पहले चालू नहीं होगा.
इससे पहले एयरपोर्ट के उद्घाटन की तैयारी 3 जून को थी. उद्घाटन बहुत धूमधाम से होना था. इसमें कई नेताओ और बड़ी हस्तियों को आना था. लेकिन पिछले हफ्ते इसे रद्द कर दिया. अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल आग लगने की स्थिति में एयरपोर्ट के टर्मिनल सुरक्षित नहीं हैं.
गुरुवार को वोवेराइट का बयान 10 घंटे की मैराथन बैठक के बाद आया. देर रात तक एयरपोर्ट निगरानी बोर्ड की बैठक चली. बैठक में योजना के मुख्य तकनीकी निदेशक मानफ्रेड कोएर्टगन को बर्खास्त करने का फैसला भी किया गया. बोर्ड ने एयरपोर्ट निर्माण से जुड़ी कंपनी पीजीबीबीआई का करार भी रद्द कर दिया. अब सारा काम एयरपोर्ट अधिकारियों ने खुद अपने हाथ में ले लिया है.
अधिकारियों का कहना है कि ढाई अरब यूरो की लागत से बने एयरपोर्ट में ऑटोमैटिक फायर सेफ्टी सिस्टम ठीक ढंग से नहीं लगाया गया है. जर्मनी के ड्युसेलडॉर्फ एयरपोर्ट के एक टर्मिनल पर 1996 में आग लग गई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई. तब से ही जर्मनी एयरपोर्ट सुरक्षा को लेकर काफी संवेदनशील है. देरी की वजह से सरकार पर डेढ़ करोड़ यूरो महीने का अतिरिक्त खर्चा बढ़ रहा है. एयरलाइन कंपनियों को अलग नुकसान हो रहा है.
बर्लिन में इस वक्त दो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं. नया एयरपोर्ट इन्हीं दोनों की जगह लेगा. जर्मनी चाहता था कि वह दुनिया का बेहतरीन एयरपोर्ट बनाकर अपनी सिविल इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना पेश करे. लेकिन बर्लिन एयरपोर्ट की वजह से फिलहाल जर्मन अधिकारियों को खिसियाहट का सामना करना पड़ रहा है. एयर बर्लिन के सीईओ हार्टमुट मेहडोर्न कहते हैं, "एयर हब बनने की बर्लिन को छवि को इससे कभी भरपाई न हो सकने वाला झटका लगा है."
ओएसजे/एमजे (डीपीए)