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जर्मनी को चैपियंस लीग के फायदे

२३ मई २०१३

चैंपियंस लीग के फाइनल में इस साल जर्मनी की दो टीमें हिस्सा ले रही हैं. यूरोप के चोटी के फुटबॉल टूर्नामेंट में यह बोरुसिया डॉर्टमुंड और बायर्न म्यूनिख की ही सफलता नहीं है, यह पूरे बुंडेसलीगा की सफलता है.

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तस्वीर: Getty Images

25 मई 2013, लंदन का वेंबली स्टेडियम. चैंपियंस लीग के फाइनल की लिए सीटी बजेगी और रियाल मैड्रिड, एफसी बार्सिलोना, मैनचेस्टर यूनाइटेड या मैनचेस्टर सिटी जैसी टॉप टीमों के खिलाड़ी या तो दर्शक दीर्घा में होंगे या अपने घरों में टेलीविजन पर मैच देखेंगे. यूरोप के बड़े और धनी क्लब फाइनल के रास्ते में ढेर हो गए. जीत के लिए मैदान पर संघर्ष कर रहे पीली और लाल जर्सी वाले 22 खिलाड़ी जर्मन फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा में रोजी रोटी कमाते हैं.

बोरुसिया डॉर्टमुंड और बायर्न म्यूनिख तो फाइनल से पहले ही जीत चुके है, वह भी ढेर सारा धन. हैम्बर्ग के विश्व आर्थिक संस्थान के हेनिंग फोएपेल पेशेवर फुटबॉल की आर्थिक स्थिति के जानकार हैं. वे बताते हैं कि फाइनल में पहुंचने वाली दोनों टीमें कितना कमा चुकी हैं, "इस सीजन में टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए 86 लाख यूरो मिला है, उसके अलावा बाकी जीतों का पुरस्कार है. चैंपियंस लीग जीतने पर आप कुल छह करोड़ कमा सकते हैं."

Champions League Finale Fans in London
तस्वीर: LEON NEAL/AFP/Getty Images

हारने का भी पुरस्कार

फाइनल हारने वाले को भी कम नहीं मिलता. डॉर्टमुंड की टीम अब जीते या हारे, हेनिंग कहते हैं, "वे इस सीजन में उतना ही कमाएंगे जितना कि बायर्न." लेकिन ऐसा नहीं कि इस जीत के कारण डॉर्टमुंड आर्थिक रूप से बायर्न के करीब पहुंच जाएगा. यूरोपीय बिजनेस स्कूल के साशा श्मिट कहते हैं, "आर्थिक रूप से डॉर्टमुंड म्यूनिख के क्लब की बराबरी नहीं कर सकेगा." हेनिंग फोएगेल भी इससे सहमत हैं और खिलाड़ियों के लिए दोनों टीमों के बजट की ओर ध्यान दिलाते हैं. "बायर्न का 12.5 करोड़ यूरो डॉर्टमुंड के पांच करोड़ यूरो से कहीं ज्यादा है." इतना ही नहीं उनका कहना है कि बायर्न के खिलाड़ी का बाजार मूल्य 43 करोड़ यूरो है जबकि डॉर्टमुंड के खलिड़ियों का 25.4 करोड़. बायर्न क्लब के सदस्यों की तादाद अपने प्रतिद्वंद्वी से दोगुनी है और उसकी टीवी के 90 देशों में ग्राहक हैं.

चैंपियंस लीग का फाइनल दोनों ही टीमों के लिए बड़ी बात है. खेल और वित्तीय दोनों ही रूप से. लेकिन इसका लाभ जर्मनी की टॉप फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा को भी मिल रहा है. साशा श्मिट का कहना है कि जर्मन फाइनल का लीग की दूसरी टीमों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, "बुंडेसलीगा के अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचने से पूरे लीग का प्रचार हो रहा है, क्योंकि टीवी अधिकारों को बेचने की संभावना बढ़ रही है." बुंडेसलीगा के मैचों की मार्केटिंग केंद्रीय रूप से होती है और इसकी वजह से सभी क्लबों को उसका लाभ मिलता है. बड़े क्लबों को भले ही ज्यादा धन मिले, छोटे क्लब खाली हाथ नहीं जाते हैं. एक दूसरा फायदा यह है कि यूरोपीय प्रतिस्पर्धा में बुंडेसलीगा जितनी अच्छी गालत में होगी, उतनी ही ज्यादा टीमें चैंपियंस लीग खेल पाएंगी. इस समय जर्मनी के चार क्लब चैंपयंस लीग में हिस्सा लेते हैं.

Fußball Bundesliga 34. Spieltag Hamburger SV gegen Bayer 04 Leverkusen
तस्वीर: picture-alliance/dpa

दुनिया भर में फैंस

हालांकि फुटबॉल क्लबों की आमदनी का बड़ा हिस्सा टीवी अधिकार, प्रायोजक और पुरस्कार से आता है, लेकिन फैन आर्टिकल की बिक्री आमदनी का अहम जरिया बनता जा रहा है. और चैंपियंस लीग के फाइनल में फैन आर्टिकल खरीदने वाले ग्राहक सिर्फ डॉर्टमुंड या म्यूनिख के नहीं होंगे. फैन भी अंतरराष्ट्रीय हो गए हैं. जर्सियों और झंडों के अलावा इस बीच क्लब के रंग वाले स्कार्फ और बिस्तर के चादर भी दुनिया भर में बिक रहे हैं. और उन्हें सिर्फ स्टेडियम के फैन स्टैंड पर ही नहीं खरीदा जा रहा है, इस बीच दुनिया भर में क्लबों के फैन शॉप खुल गए हैं.

साशा श्मिट ने यूरोपीय बिजनेस स्कूल में आधुनिक फुटबॉल फैन संस्कृति पर सर्वे किया है. सर्वे में उन्हें ग्लोबल समर्थक मिले, जिन्हें वे सीमाओं के बंधन से मुक्त फैन कहते हैं. इस बीच यह बहुत आम हो गया है कि फुटबॉल प्रेमी सिर्फ अपने राष्ट्रीय क्लब का ही समर्थन नहीं करते बल्कि किसी अंतरराष्ट्रीय क्लब का समर्थन भी करते हैं. श्मिट के मुताबिक यूरोप में ही ऐसे 4 करोड़ से ज्यादा लोग हैं जो विदेशी क्लब के फैन हैं. और ये फैन अपने प्यार पर खर्च भी कर रहे हैं. श्मिट कहते हैं, "हर सीजन प्रति फैन औसत 860 यूरो."

Fußball Bundesliga 34. Spieltag Borussia Dortmund - 1899 Hoffenheim Robert Lewandowski
तस्वीर: picture-alliance/dpa

कारोबार भी सीमाओं में बंधा नहीं रह गया है. लंदन में होने वाले फाइनल का सबसे बड़ा आर्थिक असर जर्मनी में नहीं होगा बल्कि यूरोप में और यूरोप के बाहर. हेनिंग फोएपेल कहते हैं, "खास कर एशिया में यूरोपीय फुटबॉल में बहुत दिलचस्पी है." लेकिन एशिया में जर्मन क्लबों को काफी भरपाई करनी है, क्योंकि इंगलिश क्लब पूरब के बाजार पर बहुत पहले से ध्यान दे रहे हैं. मैनचेस्टर यूनाइटेड, आर्सेनल लंदन और एफसी लीवरपुल दो दशकों से इस उभरते बाजार में भारी करोबार कर रहे हैं. लंदन का फाइनल, जिसका 209 देशों में सीधा प्रसारण होगा, बुंडेसलीगा को जापान, कोरिया या चीन में फैन बनाने का मौका देता है.

नाम के दाम

हालांकि पिछले सालों में एक ही देश के दो क्लब चैंपियंस लीग के फाइनल में अकसर भिड़े हैं, लेकिन इस बात की बहुत संभावना नहीं है कि जल्द ही फिर दो जर्मन टीमें फिर से फाइनल में पहुंचेगी. लेकिन साशा श्मिट को पूरा भरोसा है कि आने वाले सालों में जर्मनी के फुटबॉल क्लब यूरोपीय पैमाने पर अच्छी भूमिका निभाएंगे. श्मिट का कहना है कि वह भी "खेल और आर्थिक दोनों लिहाज से."

Fußball Fanartikel Shop BVB Borussia Dortmund
तस्वीर: picture-alliance/dpa

यूरोपीय फुटबॉल महासंघ यूएफा भविष्य में इस बात पर जोर देना चाहता है कि यूरोपीय क्लब आमदनी से ज्यादा खर्च न करें. अगले सीजन से सबके लिए एक फाइनांशियल फेयरप्ले का नियम लागू किया जा रहा है. जर्मनी के क्लबों के लिए यह नया नहीं है क्योंकि उन्हें बुंडेसलीगा में लाइसेंस की एक सख्त प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. लेकिन यूरोप के दूसरे चोटी के फुटबॉल मुल्कों इंगलैंड, स्पेन या इटली के क्लबों के लिए यह नया है. इसमें हेनिंग फोएपेल जर्मन क्लबों के लिए फायदा देखते हैं क्योंकि दूसरे क्लबों को अभी वित्तीय रूप से सुदृढ़ होने में समय लगेगा.

श्मिट की भी यही राय है, लेकिन वे इस बात पर सवाल उठाते हैं कि उएफा फाइनांशियल फेयरप्ले के नियम के प्रति कितना गंभीर है. वे कहते हैं, "यदि उएफा इसे सचमुच लागू करता है तो जर्मन क्लबों की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ जाएगी." जर्मन फुटबॉलप्रेमियों और जर्मन क्लबों के विदेशी प्रशंसकों के लिए यह एक अच्छी खबर है.

रिपोर्टः डिर्क काउफमन/एमजे

संपादनः ए जमाल

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