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जर्मनी के दौरे पर अहम भारतीय मंत्री

२७ जनवरी २०१३

भारत जर्मनी के साथ संबंधों को गहरा करने का अभियान छेड़ रहा है. सोमवार को विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद बर्लिन में जर्मन विदेश मंत्री से मिल रहे हैं तो वित्त मंत्री पी चिदम्बरम फ्रैंकफर्ट में निवेश प्रोमोशन शुरू कर रहे हैं.

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तस्वीर: UNI

विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद सोमवार सुबह बर्लिन में जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले से बातचीत करेंगे. दोनों विदेश मंत्री द्विपक्षीय रिश्तों को बेहतर बनाने के अलावा अप्रैल में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दौरे की तैयारी पर भी बातचीत करेंगे. दोनों नेताओं के बीच मौजूदा अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और सुरक्षा से सबंधित मुद्दों पर चर्चा होगी. सोमवार शाम भारतीय राजदूत सुजाता सिंह ने निमंत्रण पर गणतंत्र दिवस प्रीतिभोज में भी वेस्टरवेले और खुर्शीद भाग लेंगे.

विदेश मंत्रालय संभालने के बाद खुर्शीद का यह पहला बर्लिन दौरा है. इसके पहले वे 90 के दशक में प्रधानमंत्री नरसिंह राव के राजकीय दौरे पर विदेश राज्य मंत्री के रूप में बॉन और बर्लिन का दौरा कर चुके हैं. उस समय उच्चतम स्तर पर वार्षिक शिखर भेंट की पहल की गई थी, लेकिन इसे जारी नहीं रखा जा सका. इस समय जर्मनी और भारत एक दूसरे के यहां कूटनीतिक रिश्तों की 60वीं वर्षगांठ के सिलसिले में वार्षिक महोत्सव कर रहे हैं.

Bundesaußenminister Guido Westerwelle Krishna Indien Generalkonsulat Bangalore
कृष्णा के साथ गीडो वेस्टरवेलेतस्वीर: AP

चुनाव से एक साल पहले आर्थिक विकास में आए धीमेपन को पलटने की कोशिश करती भारत सरकार यूरोपीय निवेशकों को लुभाने का नया अभियान शुरू कर रही है. पिछले ही दिनों भारत सरकार ने सिंगल ब्रांड रिटेल में सीधे विदेशी निवेश की अनुमति देने का फैसला किया है. यूरोपीय बैंक के शहर फ्रैंकफर्ट में पी चिदम्बरम भारत में निवेश की संभावनाओं पर डॉयचे बैंक और बार्कले बैंक द्वारा आयोजित रोड शो में भाग लेंगे. इसके अलावा वे यूरोपीय कंपनियों और संस्थागत निवेशकों के प्रतिनिधियों से भी मिलेंगे. वे उन्हें भरोसा दिलाएंगे कि भारत की अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर है और जल्द ही 8 फीसदी की विकास दर हासिल कर सकती है.

जर्मनी दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यूरोपीय कर्ज संकट के बावजूद उसकी अर्थव्यवस्था पटरी पर है. चिदंबरम का दौरा भारत में निवेशकों के भरोसे को मजबूत करने पर केंद्रित है. भारत ने पिछले महीनों में पॉवर ट्रेडिंग एक्सचेंज, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों, प्रसारण और विमानन में विदेशी निवेश में ढील दी है.

Palaniappan Chidambaram
पी चिदंबरमतस्वीर: AP

इसके अलावा भारत सरकार बजट घाटे पर भी नियंत्रण की कोशिश कर रही है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में सरकार ने बजट घाटे में सकल राष्ट्रीय उत्पाद का 5.3 फीसदी का लक्ष्य रखा है. सरकारी अनुमानों के अनुसार मार्च में बीत रहे वित्तीय वर्ष में भारत की विकास दर 5.7 फीसदी रहेगी जबकि 2013-14 में विकास दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान है.

इस महीने के आरंभ में रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि भारत के सरकारी कर्ज की हालत नकारात्मक है और अगले 12 से 24 महीनों में रेटिंग गिराए जाने का खतरा है. संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास संगठन अंकटाड की एक रिपोर्ट के अनुसार 2012 में जहां विकासशील देशों में विदेशी निवेश बढ़ा है, भारत में होने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2011 के 31.5 अरब डॉलर से घटकर 27.3 अरब डॉलर रह गया. रिपोर्ट के अनुसार पहली बार विकासशील देशों में होने वाला निवेश विकसित देशों की अपेक्षा 130 अरब डॉलर ज्यादा रहा.

अंकटाड की रिपोर्ट का कहना है कि पिछले महीनों में भारत द्वारा उठाए गए कदमों के कारण और विदेशी निवेश आकर्षित करने की संभावना बढ़ी है. इस समय मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र, निर्माण उद्योग, दूरसंचार और आईटी उद्योग में विदेशी निवेश हो रहा है. कुल 38 फीसदी के साथ मॉरीशस सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है, जबकि सिंगापुर दूसरे नंबर पर है. उसके बाद ब्रिटेन, जापान, अमेरिका, नीदरलैंड और जर्मनी का नंबर आता है.

रिपोर्ट: महेश झा (पीटीआई)

संपादन: ओंकार सिंह जनौटी

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