जर्मन कप का भूखा बायर्न
१६ अप्रैल २०१३जर्मन कप में सेमी फाइनल में बायर्न का मुकाबला वोल्फ्सबुर्ग से होगा. वोल्फ्सबुर्ग को हराकर बर्लिन में होने वाले फाइनल में पहुंचना और दुहरे टाइटल का सपना बनाए रखना फिलहाल बायर्न की प्राथमिकता है. इस सीजन के बाद क्लब छोड़ रहे ट्रेनर युप हाइंकेस अपनी जिंदगी का पहला जर्मन कप जीतने के लिए बेकरार हैं.
बार्सिलोना के खिलाफ चैंपियंस लीग सेमी फाइनल से एक हफ्ता पहले होने वाले जर्मन कप के सेमी फाइनल को बायर्न बहुत गंभीरता से ले रहा है. बार्का के फुटबॉलरों से मुठभेड़ से पहले बायर्न किसी भी हालत में वोल्फ्सबुर्ग के हाथों रोका जाना नहीं चाहता. मंगलवार को होने वाले मैच से पहले युप हाइंकेस ने कहा, "बर्लिन का रास्ता आसान नहीं होगा. यह हर टीम के लिए बहुत बड़ा लक्ष्य है." 67 वर्षीय हाइंकेस ने अपने करियर में बहुत से टाइटल जीते हैं लेकिन आश्चर्यजनक रूप से कोच के रूप में जर्मन फुटबॉल संघ का कप वे अब तक नहीं जीते हैं. लेकिन इस बार उसके बहुत करीब हैं. वे 1973 में खिलाड़ी के रूप में कप जीत चुके हैं.
1984 में ग्लाडबाख के कोच के रूप में वे डीएफबी कप के फाइनल में पहुंचे थे, लेकिन उस समय बायर्न उनका प्रतिद्वंद्वी था और पेनल्टी में उनकी टीम अंत में बायर्न से हार गई थी. एक साल पहले फाइनल में वे बायर्न के कोच थे लेकिन कप का फाइनल डॉर्टमुंड के हाथों बुरी तरह हार गए थे. वोल्फ्सबुर्ग के कोच डीटर हेकिंग ने भी कप पर अपनी टीम का दावा जताया है जबकि हाइंकेस इस बार की संभावना के बारे में कहते हैं, "और एक बार फाइनल में पहुंचना और फिर उसे जीतना बहुत अच्छा रहेगा."
बायर्न की निगाहें भले ही फिलहाल वोल्फ्सबुर्ग के खिलाफ होने वाले मैच पर हो लेकिन पत्रकारों के लिए यह मौका है हाइंकेस से एक हफ्ते बाद यूरोप की टॉप टीमों में शामिल बार्का से मुकाबले के अलावा उनके उत्तराधिकारी पेप गुआर्डिओला के बारे में जानने का. लेकिन टीम के अंदर वे सिर्फ वोल्फ्सबुर्ग के बारे में बात कर रहे हैं. वे कहते हैं, "खेल में सबकुछ मुमकिन हैं, यह हमें पता है और हम इसे रोकने की कोशिश करेंगे." आत्मविश्वास से भरे हाइंकेस कहते हैं कि इस सीजन में किसी भी टीम के लिए हमारे खिलाफ सफल होना मुश्किल है.
आंकड़े साफ तौर पर बायर्न का पक्ष लेते हैं. वोल्फ्सबुर्ग के खिलाफ बायर्न ने तीन कप मैच खेले हैं, तीनों में बायर्न विजयी रहा है. वोल्फ्सबुर्ग के खिलाफ घरेलू मैदान पर हुए 18 मैचों में बायर्न 17 बार जीता है जबकि एक बार मैच ड्रॉ रहा है. घरेलू मैदान पर डीएफबी कप के मैचों में बायर्न पिछले दो दशकों में सिर्फ दो मैच हारा है जबकि कप के इतिहास में वह सिर्फ 9 बार हारा है. इतना ही नहीं वोल्फ्सबुर्ग सिर्फ एक बार 1995 में कप के फाइनल में पहुंचा है जबकि म्यूनिख 19वीं बार कप के फाइनल में जाने की कोशिश कर रहा है.
वोल्फ्सबुर्ग के खिलाफ पहले वोल्फ्सबुर्ग के पूर्व खिलाड़ी मारिया मांजूकिच खेलेंगे जो बुंडेसलीगा के पिछले दो मैचों में तीन गोल कर चुके हैं. उनके अलावा मानुएल नॉयर, फिलिप लाम, बास्टियान श्वाइनश्टाइगर फिर से टीम में होंगे. लोवर सेक्सनी के क्लब वोल्फ्सबुर्ग की टीम में बास डोस्ट और इवीचा ओलिच के अलावा वेडाड इबीसेविच और मारियो गोएत्से भी होंगे. वोल्फ्सबुर्ग के कोच हेकिंग कहते हैं, "हर मिनट जिसमें हम बायर्न को गोलपोस्ट से दूर रखेंगे, वह हमारे लिए एक छोटी सफलता होगी."
एमजे/एनआर (डीपीए)