1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जमीन में गड़े विश्व युद्ध के लड़ाकू विमान

Priya Esselborn५ जनवरी २०१३

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना ने अपने 30 लड़ाकू विमान म्यामांर में गाड़ दिए. अब ब्रिटेन के एक बुर्जुग म्यामांर जा रहे हैं, वो जमीन के भीतर से 30 से ज्यादा स्पिट फाइटरों को निकालना चाहते हैं.

https://p.dw.com/p/17EgA
तस्वीर: Getty Images

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान म्यामांर में ब्रिटिश और जापानी सेना के बीच भंयकर लड़ाई हुई. ब्रिटिश सेना के लिए ज्यादातर भारतीय जवान लड़ रहे थे. चार साल चली इस लड़ाई में जापान की हार हुई. अगस्त 1945 में जापान पर हुए परमाणु हमले के साथ द्वितीय विश्व युद्ध खत्म हो गया. म्यामांर भी शांत हो गया.

लेकिन अब तक यह समझ में नहीं आया है कि ब्रिटेन की सेना ने युद्ध के बाद अपने 30 से ज्यादा स्पिटफायर लड़ाकू विमान जमीन में क्यों गाड़े. मामला 17 साल पहले अफवाह की शक्ल में सामने आया. ज्यादातर लोग इसे अफवाह समझते रहे लेकिन 80 साल की उम्र पार कर चुके डेविड कनडाल ने इस बारे में खोजबीन शुरू कर दी. कनडाल विश्व युद्ध के आखिरी दिनों में म्यांमार में ही तैनात थे. जहाजों का पता लगाने के लिए उन्होंने म्यामांर में भी कई लोगों से संपर्क किया. अब कनडाल इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि जहाज म्यांमार के मिंगालादोन एयरफील्ड में गाड़े गए हैं.

Großbritannien 70Jahre Bombenangriff The Blitz
स्पिटफायर विमानतस्वीर: AP

जहाजों का पता लगाने के लिए उन्होंने 21 लोगों की टीम बनाई है. जल्द ही वे म्यांमार जा रहे हैं. कनडाल कहते हैं, "मैं सभी चश्मदीदों से मिल चुका है और मुझे भरोसा है कि वे सच बता रहे हैं. मुझे लगता है कि हमें अच्छे से संभाले गए हवाई जहाज मिल जाएंगे."

कनडाल का अनुमान है कि फाइटर जमीन में 10 मीटर की गहराई पर गाड़े गए हैं, "इतनी गहराई में कोई ऑक्सीजन नहीं होती्, ऐसे में वे खराब भी नहीं होगें." दुनिया में इस वक्त गिनती के स्पिट फाइटर बचे हैं. सिंगल सीट और प्रोपेलर वाले इस लड़ाकू विमान का इस्तेमाल 1940 में ब्रिटेन ने जर्मनी के खिलाफ भी किया था.

बीते साल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन म्यांमार के दौरे पर गए थे. राजनीतिक सुधारों के बाद वहां पहुंचे कैमरन ने म्यांमार के राष्ट्रपति थिएन सेन से स्पिटफायर विमानों की भी चर्चा की.

विमान मिले तो 30 फीसदी हिस्सा कनडाल को मिलेगा. वह कुछ विमान ब्रिटेन वापस लाना चाहते हैं. बाकी के विमान म्यांमार के एजेंट और सरकार को दिये जाएंगे. कनडाल को कई कंपनियों से वित्तीय मदद मिल रही है. मदद करने वालों में वॉरगेमिंग डॉट कॉम, जेसीबी और जैगुआर लैंड रोवर शामिल हैं.

ओएसजे/एमजे (रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें