जब ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से न्यूजीलैंड में मारे गए सैकड़ों लोग
न्यूजीलैंड के नॉर्थ आइलैंड के पूर्वी तट पर मौजूद एक द्वीप व्हाइट आइलैंड पर अचानक ज्वालामुखी विस्फोट होने से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई. इससे पहले भी यहां हुए ज्वालामुखी विस्फोटों में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं.
1914
साल 1914 में न्यूजीलैंड के इसी व्हाइट आइलैंड पर ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था. तब उस विस्फोट से वहां सल्फर खनन का काम कर रहे 10 लोग मारे गए थे.
1938
न्यूजीलैंड के नॉर्थ आइलैंड के माउंट रुएफु में ज्वालामुखी विस्फोट हुआ. यह घटना वेलिंगटन-ऑकलैंड एक्सप्रेस ट्रेन के रेलवे पुल पर गुजरने से ठीक पहले हुई थी. विस्फोट के कारण पुल ढह गया, ट्रेन नदी में गिर गई और 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
1992
20 फरवरी 1992 को व्हाइट आइलैंड ज्वालामुखी को न्यूजीलैंड का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी घोषित किया गया था.
1995
वर्ष 1995 माउंट रुएफु में कई बार विस्फोट हुआ. इसकी राख हवा में 10 हजार मीटर की ऊंचाई तक पहुंची. यह घटना सितंबर-अक्टूबर के महीने में हुई थी.
1996
इस साल जून-जुलाई की महीने में फिर से माउंट रुएफु में विस्फोट हुआ. कार के आकार के चमकीले पत्थर हवा में उछले. इससे क्षेत्र का एयर ट्रैफिक भी प्रभावित हुआ था.
2006
सुदूर राउल द्वीप पर ज्वालामुखी विस्फोट से काफी ज्यादा भाप और राख का ढेर निकला. इसके अलावा एक झील से कीचड़ भी निकला. यह द्वीप न्यूजीलैंड से 1,000 किमी उत्तर पूर्व में है. घटना मार्च महीने में हुई थी.
2007
18 मार्च 2007 को माउंट रुएफु में ज्वालामुखी की वजह से निर्मित झील के किनारे टूट गए. इससे तांगिवई के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ आ गई थी.
अगस्त 2012
करीब सौ साल से ज्यादा समय से निष्क्रिय पड़े माउंट टोंगारीरो ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ और चारों ओर राख के बादल छा गए थे. (आरआर/आरपी (रॉयटर्स))
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