चीनी जड़ी बूटियों में जहर
२४ जून २०१३ग्रीनपीस ने इन जड़ी बूटियों के बारे में रिपोर्ट तैयार करने के लिए पहले इनका विस्तार से परीक्षण किया. इन परीक्षणों के बाद कहा गया है कि इनमें जहरीले कणों की मात्रा यूरोपीय खान पान के मानक के हिसाब से तय सीमा से 10 गुना तक ज्यादा है. ग्रीनपीस की रिपोर्ट चीन के विशाल कृषि उद्योग के खतरनाक असर के बारे में है.
ग्रीनपीस के इकोलॉजी फार्मिंग के लिए अभियान चलाने वाले जिंग वांग का कहना है, "इन परीक्षणों के नतीजों ने औद्योगिक कृषि तंत्र में मौजूद दरारों को सामने ला दिया है जो जहरीले रसायनों पर निर्भर है और इंसान के साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है." वांग का यह भी कहना है, "चीन की जड़ी बूटियां विश्वसनीय हैं और भोजन के घटकों के रूप में इलाज के लिए दुनिया भर में इस्तेमाल की जाती हैं. यह हमारी धरोहर का सम्मानित हिस्सा हैं हमें इन्हें बचाना होगा. चीन की जड़ी बूटियों से इलाज हो इनसे लोगों का नुकसान नहीं और इन्हें कीटनाशकों से मुक्त रखा जाना चाहिए."
ग्रीनपीस के मुताबिक कीटनाशकों के जहरीले रसायन जड़ी बूटियों के साथ शरीर में जाने के बाद कई तरह की परेशानियों को जन्म देते हैं. इनमें सीखने में परेशानी, हारमोन असंतुलन और प्रजनन की दिक्कतें शामिल हैं. ग्रीनपीस ने परीक्षण के लिए 65 जड़ी बूटियों को चुना इनमें अलग अलग तरह के 51 कीटनाशकों के तत्व मिले. इनमें 26 कीटनाशक तो ऐसे मिले जिनका इस्तेमाल चीन में भी गैरकानूनी है. कुछ कीटनाशकों की मात्रा तो बेहद खतरनाक स्तर तक मिली. सान की के फूलो में यह तय सुरक्षा मानक से 500 गुना और हनीसकल यानी मधुचूष में करीब 100 गुना तक ज्यादा थी. इस रिपोर्ट के बाद ग्रीनपीस ने अप्रैल में छानबीन कराई तो पता चला कि चीन का विशाल फॉस्फेट खाद उद्योग आस पास के इलाकों और पानी को प्रदूषित कर रहा है. चीन दुनिया में सबसे बड़ा फॉस्फेट खाद बनाने वाला देश है. पिछले एक दशक में इसका कुल उत्पादन दुगुना होकर पिछले साल 2 करोड़ टन तक जा पहुंचा है और इसे बनाने के दौरान करीब 30 करोड़ टन फॉस्फोजिप्सम नाम का रसायन भारी मात्रा में बेकार बचता है जिसमें हानिकारक तत्व होते हैं. चीन में कृषि उद्योग का पिछले कुछ सालों में बड़ी तेजी से विस्तार हुआ है. इसके लिए कृषि के काफी 'तेज' तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन्हीं तरीकों ने देश में बर्ड फ्लू जैसी महामारियों को तेजी से फैलने की जमीन भी मुहैया कराई है.
एनआर/एएम(एएफपी)