'चावेजवाद' दिखाएगा करिश्मा
८ मार्च २०१३उप राष्ट्रपति निकोलास मादूरो को 30 दिनों में चुनावों की घोषणा करनी है. वेनेजुएला में "जल्द ही चुनाव होंगे ताकि सरकार हूगो चावेज के चमत्कारी व्यक्तित्व का फायदा उठा सके." यह राय है हैम्बर्ग के गीगा इंस्टीट्यूट में राजनीतिक विश्लेशक लेसली वेनर की. बर्लिन में फ्री यूनीवर्सिटी के श्टेफान रिंके वेनर से सहमत हैं, "दक्षिण अमेरिकी देश दुनिया की सबसे पुरानी गणतांत्रिक प्रणाली का हिस्सा हैं. बीच बीच में चाहे जितने तानाशाह अपना खेल दिखाएं, लेकिन हर सरकार अपने लिए लोकतांत्रिक वैधता हासिल करने की कोशिश करती है."
चुनाव में धांधली
वेनेजुएला के कुछ नागरिक ऐसे भी हैं जो राजनीतिक कारणों से देश से बाहर रह रहे हैं. ऐसे लोगों के संगठन वेपेक्स के प्रमुख खोसे कोलीना कहते हैं, "वर्तमान शासन, जिसका नेतृत्व निकोलास मादूरो कर रहे हैं, उसने कभी शपथ नहीं ली. और इस लिहाज से यह शासन अगर चुनावों का आयोजन करती हैं, तो वह अपने आप में गैर कानूनी होंगे."
19 जनवरी 2013 से मादूरो वेनेजुएला के अंतरिम राष्ट्रपति बने हुए हैं क्योंकि चावेज क्यूबा में इलाज करवा रहे थे और खुद इस हालत में नहीं थे कि वे अपने तीसरे शासन काल के लिए शपथ ग्रहण करें. उस समय विपक्ष ने संवैधानिक रूप से सफाई की मांग की थी.
सरकार के आलोचक कोलीना को वेनेजुएला की सरकार आतंकवादी मानती है. सेना में लेफ्टिनेंट रह चुके कोलीना को अब डर है अवैध चुनावों का. कोलीना कहते हैं कि पिछले चुनावों के दौरान ही सार्वजनिक संसाधनों का गलत इस्तेमाल किया गया और मीडिया और मतदाताओं को चुप कराया गया. जर्मनी के फ्रीडरिश एबर्ट और कोनराड आडेनाउअर फाउंडेशनों ने इन आरोपों की पुष्टि की है.
कोलीना का अनुमान है कि चावेज की सोशल एकता पार्टी पीएसयूवी चावेज के बिना भी अपने आप को जिता लेगी. बर्लिन में विश्लेषक श्टेफान रिंके भी मानते हैं कि "चावेज-वाद" चावेज के बिना भी अपना करिश्मा दिखाएगा. लेकिन इसके लिए एक नए व्यक्तित्व, एक नए प्रतीक को चुनना होगा. लेकिन अगर विपक्ष इन चुनावों में कुछ कर दिखाना चाहता है, तो उसे एक साझा उम्मीदवार पर सहमत होना होगा. साथ ही उसे सुरक्षित करना होगा कि सत्ताधारी पार्टी चावेज के उत्तराधिकारी की खोज में फंस जाए और चुनाव हार जाएं. लेकिन इस वक्त ऐसा होना मुश्किल है.
बस ड्राइवर से विदेश मंत्री तक
अपनी पार्टी में नेतृत्व को लेकर संघर्ष को रोकने के लिए कोमांदांते चावेज ने पहले ही मादूरो को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त कर लिया है. चावेज ने अपने समर्थकों से अपील की कि अगर वह मारे गए तो उनके समर्थक मादूरो को बोलिवारियन क्रांति का प्रमुख चुनें. 19वीं शताब्दी में सीमोन बोलिवार दक्षिण अमेरिका के कई देशों को स्पेनी उपनिवेशकों से आजाद कराने में सफल रहे. वे चावेज के लिए प्रेरणा का बड़ा स्रोत रहे हैं.
लेस्ली वेनर कहते हैं कि चावेज की बातों को गंभीरता से लिया जाता है. विदेश मंत्री की हैसियत से मादूरो ने अपने को सक्षम और वफादार साबित किया है. बस मादूरो के पास चावेज वाला आकर्षण नहीं है. लेकिन बस ड्राइवर और मजदूर रहे मादूरो जमीन से जुड़े हैं और बहुत व्यावहारिक किस्म के नेता हैं. सिद्धांतों में फर्क के बावजूद वे अमेरिका से संबंध बेहतर करना चाहते हैं.
निकोलास मादूरो और राष्ट्रपति पद के बीच एक बड़ा अडंगा है. अंतरिम राष्ट्रपति की हैसियत से वह चुनावों के प्रमुख भी रहेंगे और खुद चुनावों में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. लेकिन जैसा कि वेनेजुएला विश्लेषक रिंके बताते हैं, "जहां तक संविधान की व्याख्या का सवाल है, चावेज और उनके समर्थक बहुत सृजनात्मक हैं." मौका मिलने पर वह अपना पद अपनी पार्टी के एक सदस्य को सौंप देंगे.
रिपोर्टः यान डी वाल्टर/एमजी
संपादनः महेश झा