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चांद पर 14 दिन की रात

Abha Mondhe३० जनवरी २०१४

चीन को चांद पर भेजे अपने यान जेड रैबिट को सुधारने के लिए 14 दिन का इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि इतने दिन चांद पर एक रात होती है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

चीन की स्पेस टेकनोलॉजी एकेडमी के विशेषज्ञ पांग जिहाओ ने बताया कि शनिवार को चांद की रात के शुरु होने के साथ मेकेनिकल कंट्रोल में अनियमितता शुरू हुई. लूनर नाइट के कारण यान का बाहरी हिस्सा बहुत ठंडा हो जाएगा. 14 दिन तक यही हालत रहेगी. माना जा रहा है कि रोवर इस दौरान बंद हो जाएगा. चीन की एकेडमी ऑफ स्पेस टेकनोलॉजी के विशेषज्ञ पांग जीहाओ ने बताया, "चांद की सतह का जटिल वातावरण मून रोवर में गड़बड़ी का मुख्य कारण है."

पांग ने जानकारी दी कि तेज रेडिएशन, कमजोर गुरुत्वबल और तापमान में अतिशय फर्क दूसरे कारण हैं जो यान में गड़बड़ी पैदा करते हैं. दिसंबर के बीच चीन ने जेड रैबिट नाम का यान चांद पर भेजा. इस मिशन के जरिए भूगर्भीय सर्वे और प्राकृतिक स्रोतों के बारे में शोध किया जाना है.

यान का चांद पर पहुंचना चीन के लिए राष्ट्रीय गौरव का विषय है. चीन लगातार अंतरिक्ष कार्यक्रमों के विकास में लगा हुआ है. उसका लक्ष्य सेना, औद्योगिक और वैज्ञानिक शोधों के लिए कार्यक्रम विकसित करना है.

चीन का रोवर 1976 के बाद पहला ऐसा यान है जिसकी सॉफ्ट लैंडिंग हुई. अमेरिका अब तक चार रोवर मंगल ग्रह पर भेज चुका है, जिसमें से दो अभी भी सक्रिय हैं. भारत का चंद्रयान ll मिशन 2016 के अंत या 2017 की शुरुआत में प्रक्षेपित किया जाएगा. 2008 में भारत अपना पहला मिशन चांद पर भेज चुका है.

एएम/आईबी (एएफपी)

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