चक्रवात की तबाही से आपातकाल में अमेरिका
२९ अप्रैल २०११चक्रवातों ने अमेरिका के दक्षिणी राज्यों में बुधवार को ऐसा कहर बरपाया कि 290 से ज्यादा लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे. कई साल में अमेरिका की यह सबसे बुरी कुदरती आपदा साबित हो रही है. 36 लोगों की जान खोने वाले शहर टस्कालूसा के मेयर वॉल्टर मैडक्स ने कहा, "पिछले 20 घंटे इस समुदाय के लिए किसी बुरे सपने जैसे रहे. असल में यह बहुत भयानक वक्त था. सारे शहर का ढांचा पूरी तरह तबाह हो गया. पांच से सात मील लंबे और आधे मील चौड़े इलाके में हुए विनाश को देखकर आप हैरान होंगे कि लोग जिंदा कैसे बच गए. मैं तो शहर के उन हिस्सों को पहचान ही नहीं पा रहा हूं."
राहत काम जारी
दिनभर की मेहनत के बाद भी राहतकर्मियों का काम खत्म नहीं हुआ था. वे लापता लोगों को तलाश रहे हैं. मलबे के नीचे फंसे लोगों को निकालने का काम रात को भी जारी रहा. बंद हो गईं सड़कों को साफ करने में भी खासा वक्त लगा.
राष्ट्रीय मौसम सेवा के साथ बर्मिंगम में काम करने वाले मौसम विज्ञानी जॉन डि ब्लॉक ने बताया कि हैकलबर्ग और डेडविल शहरों को भारी नुकसान पहुंचा है. ऐसी खबरें हैं कि हैकलबर्ग का 90 फीसदी हिस्सा बर्बाद हो चुका है और शहर को पहचानना भी संभव नहीं. ब्लॉक उस वक्त अपने ससुराल में थे. वह कहते हैं, "यह बहुत तकलीफदेह था. आपके दफ्तर के साथी चक्रवात की चेतावनी जारी कर रहे हैं और आप उसे सिर्फ रेडियो पर सुनकर अपने शहर की गलियों को बर्बाद होते महसूस कर सकते हैं." बर्मिंगम को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
अपने घर के बाहर मलबे के ढेर के पास सिर्फ एक बड़ा संदूक लिए बैठीं शहर की एक बुजुर्ग पूरे इलाके के लोगों की बेबसी जाहिर करती हैं. उन्होंने कहा, "यह तो जंग का मैदान नजर आता है. मैं बस इतना चाहती हूं कि यहां से चली जाऊं."
आपातकाल
बुधवार के तूफान ने कुछ घरों का सामान 50 किलोमीटर तक के दायरे में फैला दिया है. एक परमाणु बिजली घर को बैकअप जेनरेटर चलाने पड़े और राष्ट्रीय मौसम सेवा के एक दफ्तर को ही खाली करना पड़ा.
अलाबामा, अरकान्सॉ, जॉर्जिया, केंटकी, मिसीसिपी, मिशूरी, ओकलाहोमा, टेनेसी और वर्जीनिया राज्यों में आपातकाल का एलान किया गया है. वहां के गवर्नरों ने मदद के लिए राष्ट्रीय गार्ड को बुलाया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीड़ित लोगों के प्रति संवेदना जाहिर करते हुए एलान किया है कि प्रभावित इलाकों को उबरने के लिए जिस भी तरह की मदद की जरूरत होगी, संघीय सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई जाएगी.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः महेश झा