घर में रम गई हैं माधुरी दीक्षित
२ दिसम्बर २०१०माधुरी ने जब फिल्मों को छोड़कर अचानक घर बसाने का फैसला किया तो लाखों दिल टूटे. उस वक्त वह अपने करियर के टॉप पर थीं और उनका यूं चले जाना सबको बहुत खला. लेकिन माधुरी बहुत खुश हैं.
उनके फैन्स के लिए आज भी माधुरी जैसी सुपर स्टार को गृहस्थी संभालतीं एक घरेलू महिला के रूप में सोच पाना आसान नहीं है. लेकिन माधुरी जोर देकर कहती हैं कि अमेरिका के अपने घर में उनका ज्यादातर वक्त इसी तरह बीतता है.
43 साल की हो चुकीं माधुरी ने 1999 में अमेरिकी डॉक्टर श्रीराम नेने से शादी की. उनके दो बच्चे हैं. माधुरी का कहना है कि शादी करके घर बसा लेने का फैसला उनके लिए बिल्कुल मुश्किल नहीं रहा. वह कहती हैं कि जब वह स्टार थीं तब भी उन्हें सीधा सादा साधारण जीवन ही भाता था. वह बताती हैं, "मैं मध्यमवर्गीय संस्कारों के साथ बहुत ही अलग माहौल में बड़ी हुई. घर पर मुझे कभी एक स्टार की तरह नहीं देखा जाता था. एक्टिंग मेरे लिए सिर्फ एक काम था. मुझे कैमरे के सामने परफॉर्म करने में, डांस करने में मजा आता था. लेकिन घर पर मैं एक सामान्य इंसान ही रही."
कॉलराडो के डेनवर में अब भी अपने घर में वह उसी सिलसिले को आगे बढ़ा रही हैं. माधुरी बताती हैं कि उनका दिन कैसे बीतता है, "सुबह उठकर बच्चों को तैयार करना, नाश्ता बनाना, उन्हें स्कूल लेकर जाना, वापस लाना...खाना बनाना, सफाई...बस यही सब."
माधुरी दीक्षित के किसी फैन से पूछो तो आज भी वह कहेगा कि इस एक दो तीन गर्ल ने पर्दे पर आग लगा दी थी. उनके पास न सिर्फ ग्लैमर बल्कि अदाकारी का हुनर भी था. तेजाब, दिल, बेटा जैसी फिल्मों में से अगर कुछ याद आता है तो वह माधुरी की परफॉर्मेंस ही है. इसीलिए लोग हमेशा उनकी वापसी के लिए उत्सुक रहते हैं. लेकिन वह अभी इसके लिए तैयार नहीं हैं. आजकल वह एक टीवी शो में जज के तौर पर हिस्सा लेने के लिए भारत में हैं लेकिन किसी फिल्म के लिए लंबे समय तक रुकना उनके लिए मुश्किल है. वह बताती हैं, "वहां मेरी एक जिंदगी है जिसका मैं भरपूर मजा लेती हूं. इसलिए मैं यहां नहीं ज्यादा देर तक नहीं रुक सकती. मेरे बच्चे स्कूल जाते हैं और मुझे उनका ध्यान रखना है. ऐसा हो सकता है कि मैं एक बार में एक फिल्म करूं और वापस चली जाऊं."
पिछली वह बार वह आजा नचले में दिखाई दीं और उसके बाद उन्होंने कोई हिंदी फिल्म हाथ में नहीं ली. हालांकि वह स्क्रिप्ट पढ़ती रहती हैं लेकिन अब तक उन्हें कुछ भाया नहीं है.
रिपोर्टः पीटीआई/वी कुमार
संपादनः एस गौड़