गिलानी पर केस चलाने को मंजूरी
२४ अक्टूबर २०१०गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इस बारे में कानून विभाग से सलाह मांगी गई थी. विभाग ने कहा कि गिलानी और कुछ दूसरे लोगों के खिलाफ पहली नजर में भड़काऊ भाषण देने का मामला बनता है लिहाजा केस दर्ज किया जाना चाहिए.
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस को केस दर्ज करने के लिए कह दिया गया है और इस पर जल्दी ही कार्रवाई होगी. गिलानी कश्मीर लौट चुके हैं.
दिल्ली में दिए उनके भाषण पर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने कड़ा ऐतराज जताया. बीजेपी नेता अरुण जेटली ने सरकार पर इस मामले को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में अलगाववादी समूह मिले और उन्होंन देश को तोड़ने की बात की जबकि सरकार दूसरी तरफ देखती रही.
जेटली ने कहा, "देश को तोड़ने के लिए बोलना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है. यह हमारी संप्रभुता और एकता के खिलाफ है और कोई अगर अपनी अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल ऐसे कामों में करता है तो वह आपराधिक कानून के तहत आता है."
हालांकि गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बीजेपी नेता के आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस कानून के तहत गिलानी के खिलाफ कार्रवाई करेगी. चिदंबरम ने कहा, "मैं अरुण जेटली के इस आरोप को सिरे से खारिज करता हूं कि जब एक सेमीनार में गिलानी और दूसरे लोग मिले तो सरकार कुछ नहीं कर रही थी. अधिकारियों ने इस सेमीनार की वीडियो रिकॉर्डिंग की है और अगर पहली नजर में कुछ भी गैरकानूनी मिला तो कार्रवाई की जाएगी."
21 अक्तूबर को हुए इस सेमीनार में गिलानी ने लेखिका अरुंधति रॉय और माओवादी समर्थक नेता वारा वारा राव के साथ मंच साझा किया और भाषण दिया. उनके भाषण के दौरान काफी हंगामा हुआ और उन पर जूता भी फेंका गया.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन