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गिलानी के चीन दौरे से अमेरिका में बेचैनी

१८ मई २०११

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का चीन जाकर उसे अपना सबसे करीबी दोस्त बताना अमेरिकी सरकार की मुश्किलें बढ़ा गया है जो जनता की नाराजगी के बावजूद पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता जारी रखना चाहती है. एक अमेरिकी सांसद ने दी जानकारी.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

अमेरिका के रिपब्लिकन सीनेटर जेम्स रिश ने कहा है, "साफ साफ कहूं तो मैं अब इन सबसे थक गया हूं और मुझे लगता है कि अमेरिका के लोग भी उन लोगों की मदद करते करते थक गए हैं जो हमारी तरह साफ दिल के नहीं हैं." पाकिस्तान को मदद जारी रखना अमेरिका के लिए एक कठिन फैसला है. रिश ने कहा, "अमेरिकी लोगों को ये समझाना मुश्किल काम है. आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा अमेरिका पाकिस्तान के पास सहायता भेजता है और देखता है कि वहां की सरकार के मुखिया चीन में जाकर ये कह रहे हैं कि तुम हमारे सबसे अच्छे दोस्त हो."

जेम्स रिश ने यह बयान अमेरिकी सीनेट के विदेश मामलों की कमेटी के सामने दिया. कमेटी एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मारने की कार्रवाई के बाद अमेरिका पाकिस्तान के रिश्तों में आई खटास पर चर्चा कर रही थी. इसी दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के चीन दौरे का भी जिक्र आया. चीन की यात्रा पर गए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने चीन से कहा है, "हमें गर्व है कि चीन हमारा सबसे अच्छा और सबसे भरोसेमंद दोस्त है, पाकिस्तान हमेशा चीन के साथ खड़ा रहेगा."

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तस्वीर: picture-alliance

सीनेट कमेटी में चर्चा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जिन जोन्स ने कहा कि अमेरिका को निश्चित रूप से इसके लिए प्रयास करना चाहिए कि गिलानी का चीन दौरान भारत के साथ पहले से चले आ रहे तनाव को और ज्यादा न बढ़ा दे. जोन्स ने कहा, "अगर पाकिस्तान में कोई ये सोच रहा है कि चीन के साथ अच्छे रिश्ते से भारत चिंतित होगा और इसलिए ये करना अच्छा है तो ये एक गलत सोच है. हमें ये सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए कि इस तरह के दौरों और बड़बोले बयानों के लिए रिश्ते नहीं बिगाड़े जाते."

जोन्स ने ये भी कहा कि अमेरिका को चीन, ब्राजील और भारत जैसे देशों को इस बात के लिए तैयार करना चाहिए कि वह एक बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और कुछ मामलों में वो बड़ी ताकत पहले ही बन चुके हैं, "ऐसे में उन पर ये बड़ी जिम्मेदारी है कि वो दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने की दिशा में काम करें."

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

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