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गिलगित की रिपोर्टों से भारत सकते में

३१ अगस्त २०१०

गिलगित को चीन के हवाले किए जाने की खबरों की भारत स्वतंत्र जांच कर रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि अगर मीडिया रिपोर्टें सही निकली तो यह भारत के लिए गंभीर चिंता की बात होगी. अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट से हड़कंप.

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तस्वीर: AP

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की तीन दिन पहले आई इस रिपोर्ट ने भारत को चिंता में डाल दिया है. सोमवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विष्णु प्रकाश ने कहा, ''हमने मीडिया रिपोर्ट्स देखीं है. हम इस रिपोर्टों की स्वतंत्र रूप से सच्चाई परख रहे हैं. अगर रिपोर्टें सही हैं तो यह गंभीर चिंता की बात होगी.''

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक पाकिस्तान ने गिलगित बाल्टिस्तान का इलाका चीन को सौंप दिया है. पाक अधिकृत कश्मीर के तहत आने वाले इस इलाके में अब 7,000 से 11,000 हजार तक चीनी सैनिक तैनात हैं. वहां रेल और सड़क बनाने का काम चल रहा है. अज्ञात स्थानों पर गुपचुप तरीके से 22 सुरंगें भी बनाई जा रही हैं. इन जगहों पर पाकिस्तानी लोगों को भी जाने की मनाही है. ये सुरंगें ईरान से चीन तक पहुंचने वाली गैस पाइपलाइन के लिए जरूरी होंगी. लेकिन अख़बार कहता है, "इन्हें मिसाइल रखने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.''

Indien China Hu Jintao bei Manmohan Singh in Neu Delhi
तस्वीर: AP

भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक रिपोर्टें सच साबित होने पर भारत को अपनी सुरक्षा संबंधी रणनीति बदलनी पड़ेगी. विष्णु प्रकाश ने कहा, ''हम देश की सुरक्षा तय करने के हरसंभव जरूरी कदम उठाएंगे.''

न्यूयॉर्क टाइम्स का कहना है कि गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र दुनिया के लिए बंद है लेकिन वहां चीन की लिबरेशन आर्मी तैनात है. अखबार के मुताबिक, ''रणनीति के लिहाज से बेहम अहम इस इलाके को चीन अपनी पकड़ में लेना चाहता है ताकि पाकिस्तान से होता हुआ वह आसानी से खाड़ी देशों तक पहुंच जाए.''

अखबार ने चीन की कार्रवाई को भारत के साथ साथ अमेरिका के लिए भी चिंता का विषय बताया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: महेश झा

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