गर्भपात के चलते मरती हैं 47 हजार महिलायें
विश्व स्वास्थ्य संगठन और न्यूयॉर्क के गुटमेकर इंस्टीट्यूट के अध्ययन मुताबिक दुनिया में हर साल करीब 2.5 करोड़ गर्भपात सुरक्षित स्वास्थ्य प्रणाली से बाहर किये जा रहे हैं जिसके चलते हर साल 47,000 महिलाओं की मौत हो जाती है.
असुरक्षित मामले
स्टडी मुताबिक हर साल दुनिया भर में करीब 5.5 करोड़ महिलाएं गर्भपात कराती हैं जिनमें से आधे से आधे मामले असुरक्षित गर्भपात से जुड़े होते हैं.
कहां हैं मामले
साइंस पत्रिका द लेंसट में छपी रिसर्च मुताबिक, 97 फीसदी मामले अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के हैं जहां करीब 2.4 करोड़ महिलायें असुरक्षित गर्भपात से गुजरती हैं.
होती मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डाटा मुताबिक हर साल तकरीबन 47 हजार महिलायें असुरक्षित गर्भपात के चलते मर जाती हैं
आर्थिक प्रभाव
स्टडी मुताबिक देश की कानून व्यवस्था और आर्थिक स्थिति का प्रभाव सीधे तौर पर वहां होने वाले गर्भपात मामलों पर नजर आता है. अमीर देशों में गर्भपात अधिक सुरक्षित तरीके से होते हैं.
निर्देशों का पालन
विकसित देशों में हर दस में से नौ गर्भपात सुरक्षित होते हैं और इन देशों की गर्भपात प्रक्रिया में विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों का ध्यान रखा जाता है.
असुरक्षित मामले
ऐसे देशों में जहां गर्भपात की अनुमति है वहां तकरीबन 90 फीसदी गर्भपात सुरक्षित हैं. वहीं जिन देशों में इसकी अनुमति नहीं है वहां महज 25 फीसदी गर्भपात ही सुरक्षित हैं.
खराब और बेहद खराब
असुरक्षित गर्भपात के सबसे अधिक मामले अफ्रीका में सामने आते हैं इसके बाद लैटिन अमेरिका का नंबर आता है. अफ्रीका को इस स्टडी में "लीस्ट सेफ" कहा गया है तो लैटिन अमेरिका को "लैस सेफ."