'गरीबों, आदिवासियों के साथ विकास ही सच्चा'
२६ अगस्त २०१०उन्होंने नियमगिरी की पहाड़ियों से सटे जगन्नाथपुर गांव में एक रैली को संबोधित करते हुए इसे आदिवासियों की जीत बताया. इस पिछड़े इलाके में उनके भाषण के दौरान तालियां बजती रहीं. पहाड़ बचाने की इस लड़ाई में जीत के लिए राहुल ने स्थानीय भाषा में लोगों को बधाई दी. इस रैली में शामिल होने के लिए दूर-दराज से काफी लोग आए थे. रैली स्थल पर राहुल के पहुंचने पर पारंपरिक नृत्य के जरिए उनका स्वागत किया गया.
राहुल गांधी ने इस आरोप का खंडन किया कि नियमगिरि में बॉक्साइट कंपनी को खनन की अनुमति नहीं देना विकास और प्रगति के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि सच्चा विकास वह होता है जो गरीबों और आदिवासियों के हितों का सम्मान करता है न कि उनकी आवाज दबा देता है.
राहुल ने खुद को दिल्ली में आदिवासियों का सिपाही करार दिया. उन्होंने कहा कि वे आगे भी उनका संघर्ष जारी रखेंगे. राहुल ने कहा कि मेरे धर्म में सभी व्यक्ति समान हैं . चाहे वह अमीर हो या गरीब, दलित हो या आदिवासी. इस पूरे भाषण के दौरान उन्होंने सीधे वेदांत परियोजना का नाम नहीं लिया.
इलाके के अपने पिछले दौरे का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि आदिवासी युवकों के एक समूह ने उनसे तब कहा था कि पहाड़ उनके देवता हैं और उसे खत्म किया जा रहा है. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि नियामगिरी में खनन गतिविधियों और गरीबों की कीमत पर विकास की गति बढ़ाने के लिए आदिवासियों की आवाज को दबा दिया गया.
उन्होंने कहा कि तब मैंने आपसे कहा था कि भले ही मैं दिल्ली में रहता हूं, आपकी चिंताओं पर ध्यान रखने के लिए हमेशा आपके साथ हूं. आपकी आवाज दिल्ली तक पहुंच गई है और आपने अपनी जमीन बचा ली है. मैं आपके साथ हूं. राहुल ने कहा कि दो तरह का भारत है, एक अमीरों के लिए जिनकी आवाज हर जगह पहुंचती है और दूसरा गरीब लोगों का भारत जिनकी आवाज शायद ही सुनी जाती है. राहुल ने न्याय के संघर्ष में आदिवासियों का पक्ष लेने का वादा किया. उन्होंने कहा कि मैं आपका सिपाही हूं. मेरा काम अभी पूरा नहीं हुआ है. आपको जब भी मेरी जरूरत होगी, मैं आपके साथ हूं.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि जो लोग औद्योगीकरण करना चाहते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि गरीबों के अधिकार एवं जमीन छीनकर विकास नहीं हो सकता.
रिपोर्टः प्रभाकर, कोलकाता
संपादनः आभा एम