गद्दाफी ने विद्रोहियों का संघर्ष विराम ठुकराया
२ अप्रैल २०११बेनगाजी में यूएन के दूत से बातचीत करते हुए विद्रोही नेता ने कहा कि अगर गद्दाफी लीबिया छोड़ दें तो उनकी सेनाएं शहरों से हट जाएंगी. इसके जबाव में सरकार के प्रवक्ता मुसा इब्राहिम ने कहा, ''वह हमसे अपने ही शहरों से हटने के लिए कह रहे हैं. यह पागलपन नहीं है तो और क्या है. हम अपने शहरों को नहीं छोड़ेंगे.''
लीबिया में गद्दाफी के शासन के खिलाफ फरवरी के मध्य से संघर्ष शुरू हुआ. बाद में इसमें पश्चिमी देश भी कूद पड़े और लीबिया पर हवाई हमले किए. लेकिन इसके बावजूद गद्दाफी समर्थक सेना पर कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है. विद्रोहियों की पकड़ अब ढीली पड़ती दिखाई दे रही है.
मिसराता में एक विद्रोही नेता ने कहा कि गद्दाफी की सेना ने विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई और तेज कर दी है. विद्रोहियों के एक प्रवक्ता सामी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, ''वे टैंकों, रॉकेट प्रोपेलर ग्रेनेडों, मोटारों और अन्य किस्म के हथियारों का इस्तेमाल कर शहरों पर हमले कर रहे हैं. लगातार तेज बमबारी हो रही है. कई जगहें तो ऐसी हैं जिन्हें हमले के बाद पहचाना ही नहीं जा रहा है.''
रिपोर्टें हैं कि इन हमलों में बड़ी संख्या में आम लोग भी मारे गए हैं. पश्चिमी देशों की साझा सेनाओं के हवाई हमलों में भी आम नागरिकों की मौत हुई है. ब्रेगा शहर के एक डॉक्टर के मुताबिक बुधवार को हुए हवाई हमले में कम से कम सात नागरिकों की मौत हुई और 25 घायल हुए हैं. हवाई हमला एक ट्रक पर किया गया. सेनाओं के मुताबिक ट्रक पर विस्फोटक लदा था, लेकिन हमले के बाद ट्रक में इतना जबरदस्त धमाका हुआ कि आस पास के दो घर ढह गए.
मृतकों में चार महिलाएं और 14 से 20 साल के तीन लड़के हैं. गद्दाफी सरकार ने पश्चिमी देशों के हवाई हमलों की निंदा की है. हमलों के मानवता के खिलाफ अपराध बताया है. सरकार के प्रवक्ता मूसा इब्राहिम ने कहा, ''यूरोप के कुछ पागल और अपराधी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति अरब मुसलिम देश के खिलाफ धर्मयुद्ध का नेतृत्व कर रहे हैं.''
रिपोर्ट: रॉयटर्स/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल