गद्दाफी की सेना ने जाविया शहर को घेरा
५ मार्च २०११विद्रोही सेना के एक प्रवक्ता का कहना है कि पश्चिमी शहर जाविया के केंद्र में लड़ाई हुई, जिसके बाद गद्दाफी की सेना को हार झेलनी पड़ी. शहर के एक डॉक्टर ने दावा किया है कि शनिवार को हुई लड़ाई में कम से कम 30 लोग मारे गए. शुक्रवार को भी इतने ही लोगों की मौत हो गई थी.
इस बीच गद्दाफी की सेना ने शहर को चारों तरफ से घेर लिया है और वह चेकप्वाइंट पर तैनात हो गए हैं. रॉयटर्स के एक संवाददाता का कहना है कि वह इसी जगह मौजूद है और गद्दाफी की सेना शहर से करीब तीन किलोमीटर दूर डटी हुई है.
उधर, विद्रोहियों के प्रवक्ता यूसुफ शागन का कहना है, "वे लोग सुबह छह बजे भारी हथियार के साथ शहर में दाखिल हुए. उनके पास टैंक थे और हजारों सैनिक. हमारे लोगों ने लड़ाई की. फिलहाल हम जीत गए हैं. आम लोग शहर के चौक में जमा हो रहे हैं."
लेकिन गद्दाफी की सेना शहर के प्रवेशद्वार के पास डट गई है, जिसे त्रिपोली से जल्द ही और मदद मिलने वाली है. यह शहर राजधानी से मात्र 50 किलोमीटर की दूरी पर है.
इस बीच शहर में काम कर रहे डॉक्टर का कहना है कि यहां कम से कम 30 लोग मारे गए हैं. वह जिस वक्त एक समाचार एजेंसी से बात कर रहे थे, उस वक्त उनके फोन से बैकग्राउंड में लोगों के चिल्लाने और गद्दाफी के विरोध में नारे सुनाई दे रहे थे. डॉक्टर का कहना है कि गद्दाफी के टैंकों ने नागरिक इलाकों पर भी फायरिंग की, जिसके बाद लोग कारों से भागने लगे.
लीबिया में करीब दो हफ्ते से जबरदस्त हिंसा चल रही है. जाविया से पहले विद्रोह बेनगाजी शहर में शुरू हुआ, जहां कहते हैं कि विद्रोहियों का कब्जा हो गया है. 41 साल से सत्ता चला रहे कर्नल मोअम्मर गद्दाफी का कहना है कि कुछ मिलिशिया देश में लोगों को भड़का रहे हैं और पश्चिमी देशों के इशारे पर हिंसा हो रही है.
उनका कहना है कि वह आखिरी दम तक लड़ेंगे और देश छोड़ कर नहीं जाएंगे. इस बीच अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों ने लीबिया पर पाबंदी लगा दी है. भारत सहित कई देश अपने नागरिकों को वहां से निकाल रहा है.
रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल
संपादनः एस गौड़