खेलें, जरा संभलकर
खेल, इंसान के शारीरिक और मानसिक विकास में अहम भूमिका निभाते हैं. लेकिन कुछ खेल ऐसे हैं जिनमें खासी सावधानी बरती जानी चाहिए, वरना मस्तिष्क पर गंभीर असर पड़ सकता है.
क्रिकेट
फिल ह्यूज, रमन लांबा, जुल्फिकार भट्टी, अब्दुल अजीज और डैरेन रेंडल, ये नाम उन क्रिकेटरों के हैं जिनकी मौत मैच के दौरान गेंद लगने से हुई. क्रिकेट बॉल कम से कम 156 ग्राम की होती है. अगर गेंद तेजी से सीने या सिर पर लगे तो घातक नतीजे हो सकते हैं.
फ्री स्टाइल रेसलिंग
जर्मनी के पूर्व गोलकीपर टिम वाइस अब रेसलर बनना चाहते हैं. हालांकि डॉक्टर उन्हें ऐसा न करने की सलाह देंगे. रिसर्च के मुताबिक रेसलिंग के दौरान सिर पर गंभीर चोटें लगती हैं. कनाडा के 40 साल के क्रिस बेनोएट तो इसी वजह से मारे गए.
बॉक्सिंग
बॉक्सिंग के दौरान सिर पर लगने वाली चोटों के लिए तो डॉक्टर एक नाम भी तय कर चुके हैं. ऐसी बीमारियों को क्रोनिक बॉक्सर इंसेफेलोपैथी या पंच ड्रंक सिंड्रोम कहते हैं. सिर में एक ही जगह बार बार चोट लगने से याददाश्त और बोलने की क्षमता कमजोर होने लगती है. खुदकुशी के विचार आते हैं और आखिरकार डिमेंशिया का खतरा होता है.
अमेरिकन फुटबॉल
लेकिन क्रोनिक बॉक्सर इंसेफेलोपैथी सिर्फ बॉक्सिंग तक ही सीमित नहीं. ये बीमारी अमेरिकी फुटबॉल में भी बहुत आम है. साइंस पत्रिका के मुताबिक नेशनल लीग का एक खिलाड़ी साल में औसतन 600 से बार हेलमेट पर टक्कर खाता है. कड़े होने के बावजूद हेलमेट इतनी ज्यादा टक्करों को हर वक्त बर्दाशर्त नहीं कर सकते.
कड़ी बर्फ के खेल
खेल में दिमाग पर चोट खाने का जोखिम आइस हॉकी में बहुत ज्यादा होता है. सख्त बर्फ पर दूसरे से टकराने वाले या गिरने वाले खिलाड़ियों के सिर पर बहुत ज्यादा चोटें लगती हैं. इन चोटों से दिमाग में प्रोटीन का संतुलन गड़बड़ाने लगता है.
फुटबॉल में हेड
आम तौर पर फुटबॉल में कॉर्नर पर हेड मारकर गोल करना गजब का पल होता है. लेकिन कई बार खिलाड़ी बॉल के बजाए एक दूसरे पर सिर मार बैठते हैं. मस्तिष्क के लिए यह ठीक नहीं.
बेसबॉल
तुलनात्मक रूप से सुरक्षित दिखने वाले बेसबॉल में भी जोखिम कम नहीं. पंच ड्रंक सिंड्रोंम से पीड़ित बेसबॉल के एक खिलाड़ी ने 36 साल में आत्महत्या कर ली. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि खेल के दौरान सिर पर लगी चोट ने खिलाड़ी की सोच पर क्या असर डाला.