1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

खुद को बचाने की मुहिम में जुटे रेड्डी बंधु

१८ जुलाई २०१०

अवैध खनन के आरोपों और मंत्रीमंडल से हटने के दबाव से जूझ रहे रेड्डी भाइयों ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और बीजेपी नेता सुषमा स्वराज से मुलाकात की है. दोनों भाइयों ने सभी आरोपों को नकार दिया है.

https://p.dw.com/p/OOIG
तस्वीर: UNI

कर्नाटक सरकार में पर्यटन मंत्री जनार्दन रेड्डी, राजस्व मंत्री करुणाकर रेड्डी, मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और सुषमा स्वराज के बीच मुलाकात में विपक्ष के आरोपों की चर्चा हुई. शनिवार को मुख्यमंत्री येदियुरप्पा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गृहमंत्री पी चिदम्बरम, बीजेपी नेता एलके आडवाणी और पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी से मुलाकात कर चुके हैं और उसके ठीक एक दिन बाद वह रेड्डी भाइयों से मिले.

जर्नादन रेड्डी और उनके भाई करुणाकर ने बताया, "हमने सुषमा स्वराज को मामले की पूरी जानकारी दे दी है और वह सभी पहलुओं को जानती हैं. उन्हें यह भी पता है कि कांग्रेस क्या रणनीति अपना रही है. कांग्रेस ने जो आरोप लगाए हैं उनमें सच्चाई रत्ती भर भी नहीं है. कांग्रेस ने अपनी छवि खो दी है. बेसिरपैर की बातों पर वे लड़ रहे हैं. कांग्रेस की रणनीति जो कुछ भी हो, वह विफल साबित होगी."

जब रेड्डी बंधुओं से पूछा गया कि क्या उन्हें मुख्यमंत्री येदियुरप्पा का समर्थन हासिल है तो उन्होंने कहा कि वे सब कांग्रेस के खिलाफ लड़ रहे हैं. वे सब ईमानदार बीजेपी कार्यकर्ता हैं. जनार्दन और करुणाकर रेड्डी का कहना है कि सोमवार को बैंगलोर में एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई जाएगी जिसमें कांग्रेस के सभी आरोपों का जवाब दिया जाएगा.

कर्नाटक में येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार गहरी मुश्किल में फंसती नजर आ रही है. एक तरफ उसे अपनी सरकार बचाने की चिंता है तो दूसरी तरफ उसकी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उसकी छवि पर सवाल खड़े हो रहे हैं. अवैध खनन से करोड़ों का फायदा कमाने वाले रेड्डी भाइयों पर आरोपों की आग शांत होने का नाम नहीं ले रही है और विपक्ष पुरजोर तरीके से इस मामले को उठा रहा है.

बीजेपी नेता एलके आडवाणी ने कहा है कि कर्नाटक की पार्टी यूनिट से राज्य सरकार बचाने के लिए हर कोशिश करने के लिए कहा है. यहां तक कि रेड्डी भाइयों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है. कुछ दिन पहले कर्नाटक में विपक्ष ने रात भर विधानसभा में धरना दिया था और मामले को शांत न होता देख बीजेपी के माथे पर पसीना आ रहा है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: आभा एम