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खंडित जनादेश के बाद कर्नाटक में रस्साकशी तेज

१५ मई २०१८

कर्नाटक विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी बहुमत के आंकड़े को नहीं छू पाई. इसके बाद राज्य में बीजेपी और नए नवेले कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के बीच सरकार बनाने के लिए रस्साकशी शुरू हो गई है.

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Indien Karnataka Wahlen
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Kiran

मंगलवार को आए नतीजों में भारतीय जनता पार्टी ने कुल 222 सीटों में से 104 सीटें जीतीं जबकि कांग्रेस को 78 और जनता दल सेक्युलर को 37 सीटें मिलीं. अन्य के खाते में दो सीटें गई हैं. राज्य में विधानसभा की कुल 224 सीटें हैं जिनमें से 222 पर चुनाव हुआ. सरकार बनाने के लिए 212 विधायकों की जरूरत है.

बीजेपी और कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन, दोनों ने ही राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया है. ऐसे में राज्यपाल की भूमिका अहम हो जाती है. खंडित जनादेश के बाद राज्य में सरकार बनाने की प्रक्रिया जटिल हो गई है. हालांकि बीजेपी नेताओं का दावा है कि प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता कायम है. बीजेपी प्रवक्ता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है, "कर्नाटक का जनादेश प्रधानमंत्री के प्रति लोगों के स्नेह को दिखाता है."

कर्नाटक में 12 मई को राज्य विधानसभा की कुल 224 सीटों में 222 पर चुनाव हुआ. भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में चुनाव लड़ा. लेकिन पार्टी के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह रहे. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर अपना जादू चलाने में नाकाम रहे हैं. इस साल राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे अहम राज्यों में भी कांग्रेस की परीक्षा होगी, जहां इस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं.

मंगलवार को आए चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस के हाथ से कर्नाटक भी निकल गया है. अब कांग्रेस सिर्फ तीन राज्यों तक सिमट कर रह गई है जिनमें पंजाब के अलावा मिजोरम और पुद्दुचेरी शामिल है. दक्षिण भारत में अपने अकेले किले कर्नाटक को बचाने के लिए कांग्रेस ने खूब जोर लगाया, लेकिन राज्य की जनता का फैसला उसके हक में नहीं गया. 

एके/आईबी (डीपीए)