कोयले के खान में घोटाले का भूकंप
२२ मार्च २०१२भारत के महा लेखापरीक्षक (सीएजी) की एक लीक हुई रिपोर्ट से पता चला है कि सरकार ने कोयले की खानों को औने पौने कीमत में बांट कर 10,670 लाख रुपये की रकम देश के खजाने तक पहुंचने से रोक दिया है. घोटालों के दलदल में गर्दन तक फंस चुकी सरकार के माथे पर अब कोयले की कालिख चढ़ने को तैयार है. यह रकम अब तक के सबसे बड़े घोटाले टेलिकॉम से करीब छह गुना ज्यादा बड़ी है.
डॉलर में देखें तो यह रकम यानी करीब 210 अरब डॉलर बैठती है ठीक उतनी ही जितनी की पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की 2011 में जीडीपी (साल भर में पैदा हुए सामानों और सेवाओं की कीमत) थी.
महालेखापरीक्षक की लीक रिपोर्ट बताती है कि सरकार ने देश भर में कोयले की 155 खानों को करीब 100 निजी और सरकारी एजेंसियों के हवाले किया. कायदे से खान उन्हें मिलना चाहिए जिसने सबसे ऊंची बोली लगाई हो लेकिन ऐसा हुआ नहीं. रिपोर्ट का दावा है कि सरकार की गलत नीति के कारण कोयले की कीमत 10,670 लाख करोड़ रुपये कम लगाई गई.
घोटालों की मां
प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी के नेता वेंकैया नायडू ने इसे "सारे घोटालों की मां" कहा और इस पर प्रधानमंत्री से जवाब की मांग की. प्रधानमंत्री ने बहुत समय तक कोयला मंत्रालय अपने पास ही रखा था. सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट का जवाब देने से फिलहाल इनकार कर दिया है.
बुधवार को अखबार ने इसके बारे में खबर छापी और विपक्ष तो तैयार ही बैठा था. खबर आई नहीं कि संसद में हंगामा शुरू. शोर इतना बढ़ा की संसद की कार्यवाही स्थगित कर दी गई यह कह कर कि सरकार इस खबर की सच्चाई को परखने के बाद जवाब देगी. देश के कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल ने बस इतना भर कहा, "हम इस खबर की पड़ताल कर रहे हैं और मैंने रिकॉर्ड देखने के लिए कह दिया है. पूरी जानकारी मिलने के बाद ही मैं कोई जवाब दे सकूंगा." कोयला मंत्री का यह भी कहना है कि जिस दौर की बात इस रिपोर्ट में की गई है वह उस वक्त इस मंत्रालय को नहीं देख रहे थे. जायसवाल का यह भी कहना है कि सरकार अब कोयले की खानों को नीलाम करने की नीति के बारे में विचार कर रही है.
सूत्रों से पता चला है कि सीएजी की यह रिपोर्ट अगले कुछ दिनों के भीतर संसद में पेश की जाएगी. बीता पूरा साल सरकार को घोटालों की आंच से झुलसाता रहा है. टेलीकॉम घोटाला, कॉमनवेल्थ खेल आयोजन में घोटाला, आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाला और दूसरे घोटालों ने ईमानदार अर्थशास्त्री वाली मनमोहन सिंह की छवि को खासा नुकसान पहुंचाया है.
रिपोर्टः रॉयटर्स/एन रंजन
संपादनः ए जमाल