कॉमनवेल्थ गेम्स पर बारिश के बादल!
१५ सितम्बर २०१०दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं और आयोजन समिति यह भी प्रार्थना कर रही है कि बरसात कहीं रंग में भंग में डाल दे. वैसे भी इस बार दिल्ली को भारी बारिश का सामना करना पड़ रहा है और निचले इलाकों में बढ़े जलस्तर से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी. ऐसे में मौसम विभाग की एक रिपोर्ट आयोजन समिति और सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें ला सकती हैं.
भारत के मौसम विभाग का कहना है अक्तूबर महीने में बारिश बिलकुल भी नहीं होगी ऐसा तो पक्के तौर पर कहा ही नहीं जा सकता. पिछले 110 सालों में मौसम का अध्ययन कर भारतीय मौसम विभाग ने कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान बारिश होने की संभावना 15 से 20 प्रतिशत जताई है. अगर बारिश कुछ ज्यादा हो गई तो तुरत फुरत में हो रहे काम की गुणवत्ता की सच्चाई सामने आने का खतरा है.
दिलचस्प बात यह है कि पिछले 40 सालों का आंकड़ा दिखाता है कि बारिश होने की संभावना उदघाटन समारोह के दिन ज्यादा है. 3 अक्तूबर 2004 को दिल्ली में जबरदस्त बारिश हुई थी जिसने लोगों को तरबतर कर दिया था. फिलहाल ऐसी रिपोर्टें आयोजन समिति को पसीने से सराबोर कर रही हैं.
मौसम विभाग के निदेशक अजीत त्यागी ने बताया, "वैसे तो अक्तूबर महीने में बरसात वाले दिनों की संख्या दो ही है लेकिन औसत बारिश पूरी महीने में 25.9 मिलीमीटर है लेकिन इसका एक बड़ा हिस्सा (22.4 मिलीमीटर) पहले 15 दिनों में बरस जाता है और इन्हीं दिनों में इस बार खेल होने हैं. अक्तूबर में नियमित रूप से तो बारिश नहीं हुई है लेकिन 15 फीसदी संभावना है कि पहले 15 दिनों में तो बारिश होगी." दिल्ली में 3 से 14 अक्तूबर के बीच कॉमनवेल्थ गेम्स होने हैं.
अजीत त्यागी का कहना है कि खेलों के दौरान अगर भारी बारिश का खतरा हुआ भी तो क्लाउड सीडिंग या फिर और किसी तरीके से बारिश को टालने की फिलहाल कोई योजना नहीं है. 2008 बीजिंग ओलंपिक में चीन ने क्लाउड सीडिंग तकनीक के जरिए गरजते बादलों को छितरा कर बारिश होने से रोक दी थी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: आभा एम