'कॉमनवेल्थ के दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी'
१४ अगस्त २०१०उच्चस्तरीय बैठक में मनमोहन सिंह ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, कॉमनवेल्थ खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी और शहरी विकास मंत्री जयपाल रेड्डी के अलावा खेलमंत्री एमएस गिल को तलब किया था. बैठक में नई दिल्ली के उप राज्यपाल तेजेंद्र खन्ना, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव टीकेए नायर और कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर ने हिस्सा लिया.
इस बैठक में प्रधानमंत्री ने सभी संबंधित मंत्रालयों को गेम्स की तैयारी के सिलसिले में मिल रही सभी अनियमितताओं की गहन जांच करने के आदेश दिए हैं. प्रधानमंत्री ने 3 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक नई दिल्ली में होने वाले खेलों की तैयारी की समीक्षा की. पिछले दिनों खेलों की तैयारी और उसके साथ जुड़े भ्रष्टाचार की चर्चा रही है. निशाने पर सुरेश कलमाड़ी रहे. उन पर दबाव बढ़ता जा रहा है.
मनमोहन सिंह ने तैयारियों के बारे में कहा कि निर्माण के मामले में कई प्रोजेक्ट टाइम टेबल से पीछे चल रहे हैं. कुछ कामों में कमियां भी पाई गई हैं. प्रधानमंत्री ने आयोजन समिति को खेलों से संबंधित बचे हुए काम को पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है. वे अगस्त के अंत में कुछ चुने हुए आयोजन स्थलों का दौरा करेंगे.
कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन में सिर्फ डेढ़ महीने बचे हैं और कई स्टेडियम अभी भी पूरे नहीं हुए हैं, उनका काम अभी भी चल रहा है. इसकी वजह से आशंका पैदा हुई है कि क्या उनका निर्माण कार्य समय रहते पूरा हो सकेगा.
टेंडर देने और खेलों के आयोजन के लिए उपकरणों की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण आयोजन समिति के प्रमुख सुरेश कलमाड़ी भी विवादों के घेरे में हैं. कलमाड़ी कांग्रेस पार्टी के हैं और विपक्षी आलोचनाओं के बाद कांग्रेस पार्टी भी अब कॉमनवेल्थ भ्रष्टाचार पर सख्त होती दिखाई पड़ रही है. शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक हुई. बैठक में भी कॉमनवेल्थ और कलमाड़ी छाए रहे.
कोर कमेटी की बैठक के बाद अब मनमोहन ने भी अचानक बैठक बुलाई .बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने कैबिनेट सचिव चंद्रशेखर से कॉमनवेल्थ गेम्स पर मंत्रियों के समूह के साथ नियमित संपर्क में रहने को कहा है. प्रधानमंत्री ने कहा है कि खेलों से पहले निर्माण कार्य की प्रभावी निगरानी करते हुए जनता का भरोसा जीतना जरूरी है. विपक्ष ने उच्चस्तर पर निगरानी समिति बनाने की मांग की है. 1982 में एशियाई खेलों के समय निगरानी समिति का नेतृत्व राजीव गांधी कर रहे थे जबकि खेलमंत्री बूटा सिंह उन्हें समर्थन दे रहे थे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ओ सिंह