कैसे धीरे धीरे खुलेगी भारत में तालाबंदी
१५ अप्रैल २०२०केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में तालाबंदी 19 दिनों तक बढ़ा तो दी गई है लेकिन तालाबंदी के इस दौर का स्वरूप पहले 21 दिनों की तालाबंदी जैसा नहीं होगा. सरकार ने अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी कर 20 अप्रैल से आर्थिक गतिविधि को आंशिक रूप से शुरू करने की अनुमति दे दी है. सरकार ने कहा है कि नए दिशा निर्देशों का उद्देश्य है कि संक्रमण की रोकथाम जारी रहे लेकिन उसके साथ साथ किसानों, श्रमिकों और दिहाड़ी पर निर्भर रहने वालों को राहत दी जा सके.
कृषि क्षेत्र में कई तरह की गतिविधियों के चलते रहने की पहले भी इजाजत थी. अब कुछ और गतिविधियों को भी अनुमति मिल गई है जैसे कृषि उत्पाद की खरीद, मंडियों में उनकी बिक्री, उपभोक्ताओं तक सीधी बिक्री, खाद, कीटनाशकों और बीजों का उत्पादन, वितरण और बिक्री. मछलीपालन, दूध, दुग्ध-उत्पाद, पोल्ट्री और पशु-पालन. चाय, कॉफी और रबड़ के बागानों में काम. फूड-प्रोसेसिंग उद्योग, ग्रामीण सड़कों का निर्माण, सिंचाई परियोजनाएं- ग्रामीण इलाकों में भवन निर्माण और औद्योगिक परियोजनाएं, मनरेगा के तहत होने वाले काम.
स्पेशल इकोनॉमिक जोन और औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादन की भी इजाजत दे दी गई है, लेकिन सोशल डिस्टैंसिंग का ख्याल रखना होगा. इसके अलावा और भी कई क्षेत्रों में ढील दी गई है, जैसे कंप्यूटर इत्यादि जैसे आईटी हार्डवेयर का उत्पादन, कोयला, मिनरल और तेल का उत्पादन. ई-कॉमर्स, आईटी और आईटीईएस कंपनियों की सेवाएं, सरकारी गतिविधियों के लिए डाटा और कॉल सेंटर, ऑनलाइन पढ़ाई और पत्राचार से पढ़ाई, सभी सरकारी और निजी जन सेवाएं, बाल गृह, सभी तरह के शेल्टर होम और आंगनवाड़ी, बिजली मिस्त्री, प्लंबर, मोटर मेकैनिक, कारपेंटर जैसे लोगों द्वारा दी जाने वाली सेवाएं.
इनमें से कोई भी इजाजत उन इलाकों में लागू नहीं होगी जिन्हें हॉटस्पॉट घोषित कर कंटेनमेंट इलाका बना दिया गया है. सड़क, रेल और हवाई यात्राएं अभी भी प्रतिबंधित हैं. स्कूल, कॉलेज और प्रशिक्षण संस्थान अभी भी बंद रहेंगे. औद्योगिक गतिविधियां, हॉस्पिटैलिटी सेवाएं, सिनेमा घर, शॉपिंग मॉल इत्यादि अभी बंद ही रहेंगे. धार्मिक स्थल भी बंद रहेंगे और सभी धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध जारी रहेगा.
औद्योगिक संगठनों ने इन कदमों का स्वागत किया है. एफआईसीसीआई ने कहा है कि नए दिशा निर्देश आर्थिक गतिविधि को चरणों में शुरू करने में सहायक होंगे और इनसे उद्योगों को खुलने से पहले सोशल डिस्टेंसिंग और दूसरी तैयारियों को पूरा कर लेने का समय भी मिलेगा. हालांकि एफआईसीसीआई ने यह भी कहा कि आय, रोजगार और व्यापार तीनों को बचाने के लिए एक राहत पैकेज और आर्थिक स्टिमुलस पैकेज की घोषणा करना भी बेहद जरूरी है.
सीआईआई ने उम्मीद जताई है कि इस तरह धीरे धीरे आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने से तीन मई के बाद अर्थव्यवस्था को और खोलने का रोडमैप मिलेगा.
जाने माने अर्थशास्त्री प्रोफेसर अरुण कुमार ने डीडब्ल्यू से कहा कि जिस भी क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि शुरू की जा सकती है वहां शुरू किया जाना ही चाहिए. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इन सब गतिविधियों की अनुमति अच्छी तरह से टेस्टिंग करने के बाद ही दी जानी चाहिए क्योंकि संक्रमण अगर बढ़ गया तो उसकी बड़ी महंगी कीमत चुकानी पड़ेगी.
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