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5 लाख पाउंड का जुर्माना देगा फेसबुक

३० अक्टूबर २०१९

कैम्ब्रिज एनालिटिका कंसल्टेंसी फर्म को लोगों की निजी जानकारी हासिल देने के दौरान निजता कानून का उल्लंघन करने के लिए फेसबुक 5 लाख पाउंड का जुर्माना देने के लिए तैयार हो गया है.

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Brüssel EU-Parlament | Mark Zuckerberg, Facebook-CEO nach der Anhörung
तस्वीर: Reuters/Y. Herman

ब्रिटेन के सूचना अधिकार नियामक ने बुधवार को यह जानकारी दी. फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग से अमेरिका और यूरोपीय संघ के सांसदों ने इस मामले में पूछताछ की थी. फेसबुक से कैम्ब्रिज एनालिटिका ने 8.7 करोड़ लोगों की निजी जानकारियां हासिल की थीं. फेसबुक की मौजूदा कीमत करीब 540 अरब अमेरिकी डॉलर है और इसे देखते हुए जुर्माने की यह रकम काफी छोटी है. हालांकि सूचना आयुक्त (आईसीओ) के पास इससे ज्यादा जुर्माना लगाने का अधिकार नहीं है. कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में पहली बार फेसबुक पर जुर्माना लगा है.

आईसीओ ने बीते साल फेसबुक पर यह जुर्माना लगाया था. इससे पहले यह साबित हो गया था कि फेसबुक ने 10 लाख ब्रिटिश यूजर्स के आंकड़े उनकी मर्जी के बगैर दिए. इनका इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया गया था. बुधवार को आईसीओ ने बताया कि फेसबुक अपील वापस लेने और जुर्माना देने के लिए तैयार हो गया है लेकिन उसने जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है.

Symbolbild Facebook Verschlüsselung
तस्वीर: Imago-Images/ZUMA Press/A. Das

आईसीओ के डेपुटी कमिश्नर जेम्स डिप्पल जॉनस्टोन ने कहा, "आईसीओ की मुख्य चिंता यह है कि यूके के नागरिकों की जानकारी को नुकसान के गंभीर जोखिम में डाल दिया गया. लोगों की निजी जानकारी और उनकी निजता की रक्षा बुनियादी रूप से बहुत जरूरी है. हमें यह जानकर खुशी हुई है कि फेसबुक ने इसे स्वीकार किया है और वह डाटा प्रोटेक्शन के बुनियादी सिद्धांतों को मानना जारी रखेगा."

ब्रिटिश सांसदों ने डाटा स्कैंडल में फेसबुक के रवैये की कड़ी ओलचना की थी. जकरबर्ग ने ब्रिटेन में हाजिर हो कर राजनीतिक विज्ञापनों और डाटा सुरक्षा से जुड़े सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया था. ब्रिटेन के सांसदों ने 2016 में ब्रेक्जिट पर हुए जनमत संग्रह पर सोशल मीडिया के असर को लेकर भी चिंता जताई थी.

फेसबुक के मुख्य तकनीकी अधिकारी ने पिछले साल कंपनी की गलतियों के लिए माफी मांगी थी और यह शपथ ली थी कि वह पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए नए नए उपायों को लागू करना जारी रखेंगे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसे सबूत नहीं हैं कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने जनमत संग्रह से जुड़े विज्ञापनों को मैनेज किया.

फेसबुक ने कहा है कि उसे एक निपटारे पर पहुंचने की खुशी है और साथ ही यह भी कि काश उसने 2015 में कैम्ब्रिज एनालिटिका को लेकर किए दावों की और ज्यादा पड़ताल की होती. फेसबुक के एसोसिएट जनरल काउंसिल ने कहा, "हमने अपने प्लेटफॉर्म में बड़े बदलाव किए हैं और इनफॉर्मेशन ऐप डेवलपरों को मिलने वाली जानकारी पर पाबंदी लगाई है. लोगों की जानकारी और निजता की रक्षा फेसबुक की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और हम ऐसे नियंत्रणों को बनाना जारी रखेंगे जिससे लोग अपनी जानकारी को संभाल सकें और उसकी रक्षा कर सकें."

कैम्ब्रिज एनालिटिका के ग्राहकों में भारत के कई प्रमुख राजनीतिक दल भी शामिल हैं. इस कंपनी पर भारत के चुनावों पर भी असर डालने का आरोप लगा था.

एनआर/एके(रॉयटर्स)

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