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"कुलभूषण से मुलाकात का तरीका अमानवीय"

२८ दिसम्बर २०१७

भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कुलभूषण जाधव की उनकी मां और पत्नी के साथ मुलाकात के तरीके को अमानवीय बताया. संसद में बयान देते हुए उन्होंने कहा कि इस मुलाकात में 'मानवता' और ''सद्भाव' की कमी थी.

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Indien Sushma Swaraj
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/G. Amarasinghe

विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने इसे 'प्रोपेगेंडा का हथियार' और 'स्थिति को भुनाने के अवसर' के तौर पर पेश किया. सुषमा स्वराज ने इस्लामाबाद में विदेश विभाग में इस मुलाकात के तरीके की निंदा की. उन्होंने जाधव की मां और पत्नी के कपड़े बदलवाने, सुहाग की निशानियों सिंदूर, चूड़ियों और मंगलसूत्र उतरवाने की कड़ी आलोचना की.

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स्वराज ने कहा, "कुलभूषण जाधव ने अपनी मां के गले में मंगलसूत्र नहीं देखकर पूछा कि बाबा कैसे हैं?" विदेश मंत्री ने कहा, "जिस तरह से यह मुलाकात करवाई गई, वह अपमानजनक थी. उनके कपड़े, जूते, चूड़ियां, यहां तक कि मंगलसूत्र तक उतरवा लिए गए. उनके मानवधिकारों का बार-बार उल्लंघन किया गया और उनके लिए भय का माहौल बनाया गया."

स्वराज ने कहा कि इतनी पीड़ा के बाद एक मां और बेटे की मुलाकात, एक पत्नी और पति की मुलाकात को 'प्रोपेगेंडा का हथियार' बना दिया गया.

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उन्होंने कहा, "परिवार ने जाधव से मिलने की इच्छा जताई थी और हमने इसके लिए व्यवस्था की. पाकिस्तान इस माह इसके लिए तैयार भी हो गया. यह दोनों देशों के लिए संबंधों को सुधारने की दिशा में एक कदम हो सकता था लेकिन ऐसा नहीं हो सका." उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव की पत्नी के जूते में चिप, कैमरा, रिकार्डिग डिवाइस होने का हवाला दिया है, जो मूर्खता की पराकाष्ठा है.

पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि जाधव ने भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी करने की बात मानी है और उसे "पाकिस्तान में भारतीय आतंकवाद का चेहरा" कहा गया है. जाधव को बंद दरवाजे के पीछे सैन्य अदालत की सुनवाई में दोषी करार दिया गया. भारत इस मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत में ले कर गया है जिसने अंतिम फैसला सुनाए जाने तक मौत की सजा के तामील पर रोक लगा दी है.

जाधव ने भारत की राष्ट्रीय सैन्य एकेडमी में 1987 में दाखिला लिया था और 1991 में वह इंजीनियर के रूप में भारत की नौसेना में शामिल हुए. खबर है कि बाद में जाधव ने सेना छोड़ कर ईरान में कारोबार शुरू किया.

--आईएएनएस