किसका राज गया, किसने ताज पाया
भारत में पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव छह नेताओं के लिए करो या मरो का चुनाव था. हारने पर बाहर और जीतने पर ताज. देखिए, किसका राज गया और किसके पास ताज आया.
सर्वानंद सोनोवाल
भारत में ट्विटर ट्रेंड में छाए रहे 53 साल के सर्वानंद सोनोवाल बीजेपी के नए सितारे हैं. केंद्र में खेल मंत्रालय संभाल रहे सोनोवाल को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाकर पार्टी चुनाव लड़ी और 87 सीटों का बंपर बहुमत पाया. सोनोवाल पर जुआ बड़ा था क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी सिर्फ मोदी के नाम पर लड़ी और हारती आई थी. सोनोवाल के लिए फिलहाल सब सोना है.
तरुण गोगोई
तरुण गोगोई ने असम पर 15 साल राज किया है. तीन बार लगातार मुख्यमंत्री रहे और जब चुनावों में गए तो किसी से भी गठबंधन करने से साफ मुकर गए. नतीजा? 126 में से सिर्फ 23 सीट बची हैं और बीजेपी पहली बार बड़े बहुमत से सरकार बना रही है. 81 साल के गोगोई के लिए संभवतया राजनीतिक पारी अब खत्म होती है.
ओमन चांडी
केरल के निवर्तमान मुख्यमंत्री को राज्य के सबसे विवादित मुख्यमंत्री के रूप में याद किया जाएगा. कांग्रेस की हार का श्रेय उन्हीं को जाता है. सोलर घोटाले में उनका नाम उछला और सरकार जाती रही. हालांकि वह लोकप्रिय नेता कहे जाते हैं लेकिन 72 साल के चांडी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप उन्हें और कांग्रेस को ले डूबे.
वीएस अच्युतानंदन
92 साल के वीएस अच्युतानंदन ने इस बार भी मुख्यमंत्री पद की मजबूत दावेदारी के साथ चुनाव लड़ा और वाम मोर्चे को जीत दिलाई. पार्टी के एकमात्र जीवित संस्थापक सदस्य वीएस की पार्टी में भी खूब खींचतान होती रही है. 2009 में उन्हें पोलितब्यूरो से निकाल दिया गया था. लेकिन आज भी वे उतने ही ताकतवर हैं.
ममता बनर्जी
पहले ममता को कांग्रेस नहीं रोक पाई. फिर लेफ्ट नहीं रोक पाया. और अब दोनों मिलकर भी नहीं रोक पाए. उनके शासनकाल में, उनके राज करने के तरीके पर खूब बवाल हुए. लोगों ने उन्हें हिटलर दीदी जैसे नाम दिए और उनके कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए. लेकिन जनता ने उन्हें दोबारा चुना. और भारी बहुमत देकर बताया कि उन पर लोगों का भरोसा है.
जयललिता
एआईएडीएमके नेता जयललिता ने तमिलनाडु में इतिहास रच दिया है. वह लगातार दोबारा जीती हैं जो राज्य की हाल की राजनीति के लिए नई चीज है. उनका पिछला कार्यकाल खूब विवादित रहा. लोकल कोर्ट ने उन्हें भ्रष्टाचार का दोषी पाया और पद से हटा दिया. लेकिन वह हाईकोर्ट से केस जीतकर फिर सीएम बन गईं.