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कार्निवाल के रंग में डूबा कोलोन

८ मार्च २०११

लोगों के अलग अलग रूप, हर रूप का एक अलग रंग, लेकिन हर रंग में मस्ती का खुमार. और मस्ती भी ऐसी जो सिर चढ़कर बोल रही थी. कुछ यही आलम था कार्निवाल के दौरान कोलोन शहर का. हर गली रंग बिरंगी पोशाकों वाले लोगों से सटी थी.

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तस्वीर: dapd

सोमवार को कार्निवाल के दौरान लोग तरह तरह के रूप धारण करके आए थे और गर्म जोशी के साथ अलाफ कह कर एक दूसरे का अभिवादन कर रहे थे. कोई हरियाली की महत्ता का अहसास कराने के लिए अपने पूरे शरीर पर पत्ते लगाए हुए पेड़ बनकर आया था तो कोई जर्मनी के इतिहास का प्रतीक बनकर योद्धा की वेशभूषा धारण किए हुए था.

Flash-Galerie Karneval Rosenmontag Rosenmontagszug in Düsseldorf
तस्वीर: dapd

शेर, चीते, भालू, तोता, मैना, तितली, सिपाही, टार्जन, स्पाइडरमैन की वेशभूषा बनाए लोग शहर में निकल रहे झांकियों के जूलूस का आनंद ले रहे थे. शहर में इतने रंग बिखरे कि चारो तरफ रंगीन नजारों और रंगों के खुमार के अलावा कुछ न था.

शहर के हर इलाके से झांकियां परेड करती हुई गुजर रही थीं और इसी बीच रंग बिरंगे कपड़ों में सड़क के दोनों तरफ खड़े लोगों पर चॉकलेटों की बारिश भी हो रही थी. एक अनुमान के मुताबिक करीब 300 टन चॉकलेट देश विदेश से आए 10 लाख लोगों पर न्योछावर की गई.

Karneval in Rio de Janeiro Brasilien Flash-Galerie
तस्वीर: AP

कई बैंड अपनी मधुर धुनों पर लोगों को थिरकने पर मजबूर कर रहे थे तो कुछ लोग मस्ती में इतने मगन थे कि कोलोन शहर को समर्पित गीत पर नाच रहे थे. कहीं युवतियां मधुमक्खी बनी हुई थीं तो कहीं किसी ने मोनालिसा की तरह दिखने की कोशिश की थी. कार्निवाल की झांकियों में जर्मन नेताओं पर व्यंग्य कसे जाते हैं और इस बार व्यंग्य का निशाना बने नकल के आरोपी, रक्षा मंत्री रहे कार्ल थियोडोर त्सु गुटेनबर्ग.

Flash-Galerie Karneval Brasilien Rio de Janeiro 2011
तस्वीर: AP

कार्निवाल का इतिहास

इस पूरे आयोजन के पीछे कोई धार्मिक वजह तो नहीं लेकिन मनाया इसे पूरी शिद्दत से जाता है और सदियों से यह परंपरा चली आ रही है. कार्निवल का समय पूरे यूरोप में स्थानीय परंपराओं के मुताबिक अलग होता है.

दो बड़े शहर डुइसेलडॉर्फ और माइंत्स में गुलाबी सोमवार को परेड निकलती है. हर साल बड़े बड़े जुलूस निकलते हैं जिनमें कई तरह की झांकियां होती हैं. नेताओं पर व्यंग्य कसने की परंपरा किसी हद तक फ्रांसिसी कब्जे के दौरान शुरू हुई.

Toilettenhäuschen Fastnacht
तस्वीर: picture-alliance/dpa

वैसे राइन के किनारे वाले इलाकों को छोड़ दें तो जर्मनी के ज्यादातर इलाकों में कार्निवाल की कोई खास धूम नहीं होती. लेकिन इस इलाके में तो पूरे एक सप्ताह के लिए हर तरह का कामकाज ठप्प सा हो जाता है और केवल कार्निवल की मस्ती ही नजर आती है.

जर्मनी का यह कार्निवाल रियो डे जेनेरो के सांबा कार्निवाल से काफी अलग है, जहां रियो में सांबा और नाच गाने की धूम रहती है वहीं जर्मनी में चुड़ैलों की रात मनती है और नेताओं की किरकरी की जाती है.

रिपोर्टः शराफत खान

संपादनः आभा एम

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