कश्मीर पर तीसरे पक्ष का सवाल ही नहीं उठता: भारत
२३ सितम्बर २०१०पाकिस्तान के विदेश मंत्री एसएम कुरैशी ने अमेरिका से कश्मीर मामले में दखल देने की अपील की थी. इसका जवाब देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, "तीसरे पक्ष या अंतरराष्ट्रीय दखल के लिए कोई जगह नहीं है. यह बात कई बार और संयुक्त राष्ट्र समेत कई मंचों पर साफ की जा चुकी है. इस बारे में लोग अपनी इच्छाएं जाहिर कर सकते हैं लेकिन उनका कोई मतलब नहीं है."
कुरैशी ने मंगलवार को अमेरिका में कहा, "अमेरिका मध्यपूर्व में शांति स्थापित करने की भरसक कोशिशें कर रहा है. हम खासतौर पर उससे कहना चाहते हैं कि वह कश्मीर में भी अपना राजनीतिक निवेश करे."
पाकिस्तान के इस बयान को खारिज करते हुए भारतीय सूत्रों ने कहा कि इस मुद्दे पर भारत का रुख पहले ही पूरी तरह साफ है और इसके दोस्तों और वार्ताकारों को अच्छी तरह मालूम है. एक अधिकारी ने कहा, "हमारे जेहन में इस बात को लेकर पूरी तरह स्पष्टता है कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और अगर इसे लेकर कुछ मुद्दे हैं तो वे गुजरे वक्त में पैदा हुए और उन्हें दोनों पक्षों के बीच बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है. पहले भी इन मुद्दों पर हम पाकिस्तान से बातचीत करते रहे हैं."
पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिशों को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें हैरत की कोई बात नहीं है. भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के पास इस मुद्दे से निबटने के लिए जरूरी तौर तरीके और संवैधानिक उपाय मौजूद हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार