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कल्पना से भी परे पहुंचता प्रदूषण

२३ फ़रवरी २०१८

समंदर के बीच में पहुंचकर चारों तरफ अंतहीन पानी दिखता है. हवा ताजा महसूस होती है, लेकिन यह छलावा है. समंदर प्लास्टिक से भरे हुए हैं और दूषित हवा वहां भी मौजूद है.

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Plastik-Müll im Meer
तस्वीर: picture-alliance/Photoshot

यूरोप के तटीय समुद्र में बड़े बड़े यात्री जहाज चलते हैं. लेकिन क्रूज पर निकले लक्जरी शिप सिर्फ यात्रियों को नहीं ले जाते, उन पर विज्ञान भी सवार है. येंस हियॉर्थ वायु प्रदूषण विशेषज्ञ हैं. खुले सागर के ऊपर मौजूद वायु प्रदूषण में उनकी खास दिलचस्पी है. हियॉर्थ कहते हैं, "भूमध्य सागर के ऊपर बहुत ज्यादा वायु प्रदूषण है. और इसके बारे में डाटा का अभाव है. हमें ज्यादा कुछ पता नहीं. हमें रिसर्च की जरूरत है और शिप जानकारी जुटाने का अच्छा प्लेटफार्म है. क्योंकि ये लंबे इलाके को कवर करता है, खासकर तट के इलाके में जहां प्रदूषण की स्थिति गंभीर है."

Libanon Plastikmüll am Strand
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Amro

समुद्र में वायु प्रदूषण की जांच जहाज के मदद से ही संभव है. लेकिन इसके लिए अलग जहाज चलाना काफी महंगा होगा. इसलिए यूरोपीय संघ के ज्वाइंट रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों ने एक व्यावसायिक क्रूज शिप से एक मुफ्त केबिन पाने की रिक्वेस्ट की. क्रूज कंपनी ने हां कर दी. अब वैज्ञानिकों की टीम सन 2006 से एक ही रूट पर डाटा जुटा रही है. हियॉर्थ इसकी अहमियत समझाते हैं, "हम हमेशा एक ही इलाके में, एक ही रूट पर डाटा जुटाते हैं, इससे हमें ऐसा डाटा मिलता है जिसकी हम तुलना कर सकते हैं, बदलाव को देख सकते हैं कि साल दर साल क्या बदल रहा है."

डेक पर दो ट्यूबों की मदद से हवा ली जाती है. एक में गैस की जांच होती है दूसरे में बारीक कणों की. एनालिसिस एक केबिन में होती है. एक से सल्फर डायऑक्साइड और दूसरे से नाइट्रोजन ऑक्साइड और इससे कालिख की जांच होती है. इसके अलावा कार्बन डायऑक्साइड और ओजोन की भी जांच की जाती है. ये सारा काम क्रूज पर बने एक खास केबिन में होता है.

Galápagos-Seelöwe an Plastikring erstickt
तस्वीर: Global Ideas; plastic; pollution; packaging; Plastik; Müll; Umwelt; Verschmutzung; Meer; Ozean; Schäden; Umweltschäden

सेंटर नियमित रूप से समुद्र में और पोर्ट पर हवा के सैंपल लेता रहता है. यहां से डाटा इसप्रा में जेआरसी के मुख्यालय भेजा जाता है जहां कप्यूटर में उस डाटा की मदद से प्रदूषण सिमुलेट किया जाता है. जेआरसी के मुख्यालय में मौजूद एयर क्वालिटी रिसर्चर पेड्रो मिगेल रोखा ए आब्रियू कहते हैं, "इस सिस्टम की मदद से हम सैकड़ों किलोमीटर दूर जहाज पर मौजूद हुए बिना आसानी से डाटा जमा कर सकते हैं. ये हमारे काम को बहुत आसान बना देता है."

समुद्र से जुटाए गए आंकड़े पर्यावरण के बारे में हमारी जानकारी को बढ़ाते हैं. पता चलता है कि प्रदूषण कहां पैदा हो रहा है और किस तरह फैल रहा है. वे ये जानकारी भी देते हैं कि नीतियों में बदलाव का क्या असर हो रहा है. मसलन यूरोपीय संघ ने कुछ साल पहले जहाजों के लिए कम सल्फर वाला ईंधन अनिवार्य कर दिया था. हियॉर्थ बदलाव की पुष्टि करते हुए कहते हैं, "यदि आप भूमध्य सागर में सवोना और बार्सिलोना जैसे यूरोपीय हार्बरों को देखें तो आप नए नियमों का स्पष्ट असर देखेंगे. वहां सल्फर डायऑक्साइड के उत्सर्जन में 66 प्रतिशत की कमी हुई है. इसके विपरीत ट्यूनिस में जहां ये नियम लागू नहीं हैं, कोई बदलाव नहीं आया है. "

समुद्री नौवहन की प्रदूषण में अहम भूमिका है. लेकिन इस जहाज पर स्थित प्रयोगशाला इस बात में मदद कर रही है कि हवा को कैसे साफ रखा जाए. समुद्र के ऊपर भी अगर प्रदूषण चिंताजनक स्थिति तक पहुंच जाए तो अंदाजा लगाइये कि जमीन पर हालात कितने बुरे हो सकते हैं.

एमजे/ओएसजे