कर्नाटक के निर्दलीय विधायक अदालत में
१३ अक्टूबर २०१०विधान सभा अध्यक्ष के फैसले को पांचों विधायकों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी है और अब ये इस पर शीघ्र सुनवाई चाहते हैं. इनकी दलील है कि निर्दलीय होने के कारण ये लोग दलबदल कानून के दायरे में नहीं आते हैं फिर भी विधानसभा अध्यक्ष ने इन्हें इस कानून के तहत अयोग्य करार दिया.
इन्होंने याचिका में अदालत से गुरूवार को विधानसभा में दोबारा होने वाले विश्वास मतदान में हिस्सा लेने की अनुमति देने का भी अनुरोध किया है. विधायकों के वकील के जी राघवन ने बताया कि इस याचिका पर आज ही सुनवाई जरूरी है क्योंकि कल विधानसभा में मतदान भी है और अदालत की कल सा ही छुट्टियां भी हो रही हैं.
विधानसभा अध्यक्ष के जी बोपइया ने 11 अक्टूबर को विश्वास मत पर वोटिंग से कुछ घंटे पहले ही बीजेपी के 11 बागी विधायकों के साथ इन पांचों को भी मतदान में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दीं. अयोग्य घोषित किए गए सभी विधायकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. बीजेपी विधायकों के मामले पर अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया है.
रिपोर्टः पीटीआई/निर्मल
संपादनः ओ सिंह