कपड़े पहन कर भारत आएगा प्लेबॉय
२ नवम्बर २०१२भारतीय पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने प्लेबॉय को पहले ही चेतावनी दे दी है कि अगले महीने खुलने जा रहे क्लब को बंद करने में उन्हें जरा भी देर नहीं लगेगी अगर किसी भी तरह की अश्लीलता, नग्नता या अशिष्टता नजर आई. प्लेबॉय की भारतीय फ्रेंचाईजी पीबी लाइफस्टाइल के सीईओ संजय गुप्ता का कहना है, "बन्नियों की ड्रेस प्लेबॉय संस्कृति का अटूट हिस्सा है लेकिन वह भारत की संवेदनाओं और नैतिकता के अनुरूप ही होगी."
तमाम उदारताओं के बावजूद भारत में सेंसरशिप तगड़ी है और सच कहा जाए तो प्लेबॉय के भारतीय संस्करण की उम्मीद नहीं की जा सकती. प्लेबॉय पत्रिका पर वैसे भी भारत में पाबंदी है. ह्यू हेफनर ने इस पत्रिका को शुरू किया था जो लड़कियों की नंगी तस्वीरों के लिए दुनिया भर में मशहूर है. पत्रिका से बहुत आगे जा कर प्लेबॉय क्लब और बिंदास जीवनशैली का प्रतीक बन गया है.
प्लेबॉय की बन्नियां या वेट्रेस खास अंदाज में काले साटन के कपड़े, बो टाई, और खरगोश के कान पहनती हैं. पीबी लाइफस्टाइल ने अभी यह तय नहीं किया है कि भारत में बन्नियों की ड्रेस कैसी होगी. अब तक जिन देशों में प्लेबॉय की मौजूदगी रही है वहां लोगों के विचारों की आजादी सबसे ज्यादा उनके पहनावे और जीवनशैली में ही नजर आती है पर भारत में ऐसा नहीं है. यहां तो प्रेमी जोड़ों का खुलेआम हाथ में हाथ लेना भी कई बार बवाल मचा देता है. टी20 क्रिकेट में विदेशी चीयरलीडर्स के छोटे कपड़ों पर जब बवाल हुआ तो मजबूरी में आयोजकों को उनके कपड़ों की लंबाई बढ़ानी पड़ी.
पीबी लाइफस्टाइल ने प्लेबॉय के साथ 30 साल के लिए करार किया है. क्लब के बारे में संजय गुप्ता ने कहा, "हमारे क्लब में नग्नता नहीं होगी. इसलिए कोई समस्या नहीं होगी और अगर कुछ हुआ तो हम उससे निपटने के लिए तैयार हैं." गुप्ता की कंपनी प्लेबॉय के ब्रैंड और इसके विख्यात खरगोश के कान वाले लोगों का इस्तेमाल अपने क्लबों, बार, होटल और कॉफी हाउस में करेगी.
पहले पांच साल में कंपनी ने 2 अरब रूपये खर्च करने का फैसला किया है. पहला प्लेबॉय क्लब गोवा में शुरू होगा इसके बाद अगला हैदराबाद में खोलने की तैयारी है. हालांकि क्लब को भारत में कितनी सफलता मिलेगी इस बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी. 25 साल के यश शांघवी कहते हैं, "ये लोग बड़ी पवित्रता से पूरे कपड़ों में लिपटी महिलाओं के साथ मौज और मस्ती को जोड़ रहे हैं. इस तरह के बोरिंग अंदाज में प्लेबॉय को भारत लाने की जरूरत क्या है."
एनआर/एएम (रॉयटर्स, एएफपी)