और क्यूट बनेंगे कुत्ते
२१ मई २०१२जानवरों को कॉस्मेटिक सर्जरी और फेस लिफ्ट के जरिए खूबसूरत बनाने वाला सेंटर खुला है, मैनहैटन में और इसका नाम है डॉग हाउस स्पा. इस सेंटर में कुत्तों को शैंपू से नहलाया जाता है. ड्रायर से बाल सुखाए जाते हैं और चिकेन से बने पेस्ट से उन्हे ब्रश भी कराया जाता है.
इससे जुड़ी ग्रूमर ऐनी कोर्लेस का कहना है कि पालतू जानवरों की ये प्रजातियां इंसानों ने बनाई हैं, इसलिए इन्हे देखभाल की जरूरत है.
लेकिन जैसे ये काफी नहीं है. कुत्तों से प्यार करने वाले उनके देह पर टैटू गुदवाने लगे हैं, उन्हे नाक और कान में बालियां पहनवाते हैं. हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस तरह के शौक का विरोध भी करते हैं. जानवरों के लिए काम करने वाले मानते हैं कि ये उनके साथ अत्याचार है. न्यूयॉर्क के रिपब्लिकन नेता निकोल मालीओटाकिस का कहना है, "ये जानवरों पर एक तरह का अत्याचार है. मैं अपने कुत्तों के साथ ऐसा कभी नहीं करूंगा."
एनएससी यानी नेशनल एसोसिएसन ऑफ क्रिएटिव ग्रूमर की बेवसाइट में कहा गया है कि कुत्तों को फुटबॉल फैन की तरह सजाया जाता है, कई बार लेडी गागा की तरह, लेकिन ये ठीक नहीं है. संगठन का कहना है, "जानवर प्राकृतिक रूप से खराब नहीं दिखते. अगर हम उन्हे खूबसूरत कहें और उनसे इसी तरह व्यवहार करें तो इससे उन्हे काफी ठीक लगेगा." कुछ भी कहें, लेकिन जानवरों को सुंदर बनाने का जुनून कुछ लोगों के लिए एक बढ़िया धंधा भी है. अमेरिका पेट एसोसिय़ेशन का मानना है कि 2012 में करीब 53 अरब डॉलर जानवरों पर खर्च किए जाएंगे.
वीडी/एमजी(एएफपी)