ओसामा का पाकिस्तान में होना शर्मनाक: पाक मीडिया
३ मई २०११पाकिस्तान लम्बे समय से कहता आया है कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में नहीं है. पाकिस्तान ले दावों के अनुसार ओसामा अफगान-पाक सीमा पर गुफायों में छिप कर रह रहा था. लेकिन इसके विपरीत अमेरिकी कमांडो ने उसे पाकिस्तानी राजधानी के करीब एबटाबाद में एक विशाल भवन में मार गिराया. सोमवार को पूरे दिन पाकिस्तानी टीवी पर प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी और अन्य नेताओं के दावों वाले पुराने वीडियो दिखाए गए. आज सभी मुख्य अखबार पाकिस्तान सरकार की आलोचना से भरे हुए हैं.
अखबारों ने उठाए सवाल
पाकिस्तान के अखबार 'डॉन' ने लिखा, "इस कार्रवाई ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों और सेना में भ्रष्टाचार के स्तर को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं: क्या उन्हें इस बारे में कुछ बताया गया था? अगर हां, तो कब? क्या उनसे सलाह ली गई थी या केवल सूचना दी गई थी? क्या इस कार्रवाई में उनका कोई हाथ था? अगर यह कार्रवाई पूरी तरह से अमेरिकी थी, तो क्या पाकिस्तान के रेडार जाम कर दिए गए थे या उन्हें धोखा दिया गया? और अगर ऐसा है तो क्या इस से पाकिस्तान की रक्षा व्यवस्था पर सवाल नहीं उठते?"
कई आलोचकों ने यह भी लिखा कि अमेरिका पाकिस्तान सरकार से अपनी नाराजगी जरूर दिखाएगा. 'द डेली टाइम्स' ने लिखा, "पाकिस्तान बेहद शर्मनाक स्थिति में है. ओसामा बिन लादेन काकुल सैन्य अकादमी से केवल एक मील की दूरी पर मिला. अमेरिकियों को यह समझाना मुश्किल होगा कि ऐसा कैसे मुमकिन था कि वह (ओसामा) इतने सालों से यहां रह रहा था और हमारी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई." अमेरिका में ओसामा की मौत की खबर आने के कुछ घंटों बाद ही कई सांसदों ने कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान को दिए जाने वाले अरबों डॉलर की सहायता पर पुनर्विचार करना चाहिए. 'द डेली टाइम्स' ने लिखा, "हम अमेरिका के सहयोगी जरूर रहे हैं, लेकिन हमारा सहयोग भी आसान नहीं रहा है, हम अपनी मर्जी के मुताबिक बताते हैं कि हमें किन आतंकवादियों को उखाड़ना है और किन्हें बचा कर रखना है... इसमें कोई संदेह नहीं है कि आने वाले दिनों में आतंकवाद और बिन लादेन के खिलाफ पाकिस्तान की भूमिका साफ हो जाएगी."
ओबामा की मनगड़ंत कहानी?
वहीं कई अखबारों ने अमेरिका की कार्रवाई पर अविश्वास जताया है. 'पाकिस्तान ऑबजर्वर' ने लिखा, "अमेरिकी राष्ट्रपति के अनुसार अमेरिकी सेना की एक छोटी सी टुकड़ी ने बिन लादेन के खिलाफ कार्रवाई की... उनके शब्दों से और सीआईए निदेशक लिओन पानेटा के बारे में की गई बातों से ऐसा लगा जैसे सीआईए के लोगों ने अमेरिकी सेना के साथ मिल कर अफगान-पाक सीमा को पार किया और हॉलीवुड फिल्मों के अंदाज में अल काएदा के नेता को मार गिराया."
'द नेशन' ने शीर्षक में लिखा, "एक बार फिर मरा बिन लादेन". अमेरिका द्वारा कार्रवाई पर दी गई जानकारी पर संदेह जताते हुए 'द नेशन' ने लिखा, "ओसामा के अड्डे का जो विवरण दिया गया है उसे देख कर शक तो होता है कि वह एक ऐसे इंसान से मेल नहीं खाता जिस के सर पर पांच करोर डॉलर का इनाम हो... इसके अलावा वह एक घर था, अमेरिका की कहानी के अनुसार ओसामा बिन लादेन वहां अपनी तीन पत्नियों, सात बेटों और कई गार्ड्स के साथ रहता था. अमेरिका के पास इन सब की जानकारी भी थी. तो क्या ये लोग कभी घर से बाहर नहीं निकलते थे?"
रिपोर्ट: ईशा भाटिया
सम्पादन: उभ