ओलंपिक से पहले होटल का खेल
८ मई २०१२कुछ मामूली कमरों के मालिकों के लिए चांदी हो गई है. बहुत ही सामान्य कमरों के लिए पांचसितारा होटलों की फीस ली जा रही है और ओलंपिक देखने वाले किसी तरह यह भी पा लेना चाहते हैं. खेलों की तैयारी बड़े मुकम्मल तरीके से कर ली गई. सुरक्षा के भी इंतजाम किए गए लेकिन रहने वालों के बारे में ज्यादा नहीं सोचा गया. समझा जाता है कि ओलंपिक के दौरान लंदन में 10 लाख लोग पहुंचेंगे और इनके लिए होटल कम पड़ रहे हैं.
इससे होटल मालिकों की पांचों अंगुलियां घी में है. सेंट्रल लंदन के ज्यादातर होटल तो अभी से जुलाई और अगस्त के लिए बुक हो चुके हैं. जितने पास कमरे बचे हैं, वो मनमाना चार्ज कर रहे हैं. दोगुने से लेकर चारगुने तक. ब्रिटेन के होटल संघ के प्रवक्ता माइल्स क्वेस्ट का कहना है, "सेंट्रल लंदन आने के लिए देर हो चुकी है. अब मेहमानों को लंदन के आस पास के इलाके देखने चाहिए. वहां रूम सस्ते हो सकते हैं."
कमाने का मौका
यह बिजनेस का ऐसा मौका है, जिसे कोई भी हाथ से नहीं जाने देना चाहता. लंदन में अपने कमरों को ओलंपिक भर के लिए किराए पर लगाने वाले तो बहुतेरे हैं. ऐसे लोगों की भी कमी नहीं, जो इस दौरान घर छोड़ कर दोस्तों के साथ रहने चले जाएंगे या छुट्टियों पर निकल जाएंगे. ताकि वह अपना घर ओलंपिक देखने वालों को किराए पर दे सकें और मोटा पैसा कमा सकें.
लंदनरेन्टमाइहाउस डॉट कॉम चलाने वाले मैथ्यू पार्कर कहते हैं, "2012 के शुरू होते ही मेरी वेबसाइट पर काफी लोग आने लगे. यह अजीब है. अब हम हर रोज हजारों विज्ञापन ले रहे हैं. मकान मालिक सचमुच इस आइडिया को भुनाना चाहते हैं और अपने घर किराए पर लगाना चाहते हैं."
मरीना उशर माजूर ने नॉटिंग हिल में अपने तीन कमरों का फ्लैट ओलंपिक के दौरान किराए पर लगाया है. उन्होंने एक अमेरिकी परिवार को यह घर 6,000 पाउंड में दिया है, जो आम किराए का दोगुना है.
लाखों लोग लंदन में
और इसकी वजह साफ है. सिर्फ ओलंपिक खेलों से जुड़े नौ लाख लोग लंदन पहुंच रहे हैं. इसमें खिलाड़ियों के अलावा उनके रिश्तेदार, स्टाफ, पत्रकार और सरकारी प्रतिनिधिमंडल शामिल है. सबको सोने के लिए एक एक बिस्तर तो चाहिए ही. इसके अलावा 10 लाख पर्यटक लंदन में जमा होंगे. इन सबको कमरों की जरूरत होगी. लंदन में सिर्फ 1,10,000 कमरे हैं और इनमें से एक तिहाई ओलंपिक के लिए अलॉट कर दिए गए हैं.
हालांकि अधिकारी इस बात को नहीं मान रहे हैं कि लंदन में कमरों की कमी है. तीसरी बार ओलंपिक का आयोजन कर रहे शहर को लेकर अधिकारियों का कहना है कि होटलों के अलावा भी बहुत जगह हैं, जहां लोगों के रहने का इंतजाम हो सकता है और लंदन ओलंपिक की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है.
देर हो चुकी है
होटल बुक करने की मशहूर वेबसाइट होटल्स डॉट कॉम का दावा है कि ओलंपिक के दौरान लंदन के होटलों के रेट दोगुने हो चुके हैं. बजट होटल समझे जाने वाले ट्रैवेलॉज में आम तौर पर एक कमरे का किराया 50 पाउंड (4250 रुपये) होता है. लेकिन अभी यहां कमरों का किराया बढ़ कर 274 पाउंड (24,000 रुपये) हो गया है. होटल्स डॉट कॉम के प्रेसीडेंट डेविड रोशे का कहना है, "अब किराए कम होने वाले नहीं. ऐसा नहीं कि होटल मालिक लालची हैं. बल्कि वे पहले हुए नुकसान की भरपाई करना चाहते हैं."
अब हालात ऐसे हो गए हैं कि लंदन में किसी के घर पर पेइंग गेस्ट के तौर पर रहने के लिए 75 पाउंड देने पड़ रहे हैं और अगर सेंट्रल लंदन के किसी बड़े होटल में हफ्ते भर की बुकिंग करानी है तो 20,000 पाउंड खर्च होंगे.
एजेए/एमजे (एपी)