एर्दोआन के बयान से तूफान
१ मार्च २०१३एर्दोआन ने वियेना में संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक के दौरान कहा, "यहूदी धर्म, यहूदी विरोध और फासीवाद की ही तरह यह अब असंभव हो गया है कि हम इस्लामोफोबिया (इस्लाम से डर) को मानवता के खिलाफ अपराध के तौर पर नहीं देखा जा सके."
इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नतन्याहू ने इसकी निंदा करते हुए कहा, "एक अंधकार और झूठ से भरा बयान, जिसके बारे में हमें लग रहा था कि दुनिया में ऐसी बातें और नहीं की जातीं."
इस्राएल का बड़ा सहयोगी होने के नाते वॉशिंगटन ने भी कहा है कि यहूदी धर्म को मानवता के खिलाफ अपराध बताना गलत और आपत्तिजनक है. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता टॉमी वीटर ने लोगों से अपील की कि वे अपने धर्म, संस्कृति और विचारों के बावजूद नफरत से ऊपर उठें और आपसी मतभेद को खत्म करें. अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी भी तुर्की के दौरे पर हैं और वहां सीरिया संकट को खत्म करने और इस्राएल के साथ अंकारा के संबंधों पर बात करेंगे.
संयुक्त राष्ट्र ने भी इस बयान की निंदा की है. महासचिव बान की मून के दफ्तर से एक बयान में कहा है कि अगर यहूदी धर्म के बारे में एर्दोआन के बयान को सही तरह से समझा गया है तो वह गलत ही नहीं बल्कि सारी सभ्यताओं के एक साथ आकर काम करने के सिंद्धांतों के खिलाफ है.
तुर्की और इस्राएल सहयोगी देश रह चुके हैं. लेकिन 2008 दिसंबर में दावोस बैठक के दौरान एर्दोआन नाराज होकर बैठक से बाहर निकले और उस वक्त इस्राएली राष्ट्रपति शिमोन पेरेस से कहा, "तुम तो लोगों की हत्या करना जानते हो."
इस घटना के बाद 2010 में इस्राएली कमांडो दल ने गजा जा रहे तुर्की की राहत जहाजों पर हमला किया, जिसमें नौ तुर्की नागरिक मारे गए. इसके बाद तुर्की में से इस्राएली राजदूत को वापस भेज दिया गया और दोनों देशों के बीच सैन्य संबंध खत्म कर दिए गए. तुर्की का कहना है कि जब तक इस्राएल गजा हमले के लिए माफी नहीं मांगेगा और पीड़ितों को मुआवजा नहीं देगा, तब तक दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर नहीं होंगे. पिछले साल नवंबर में एर्दोआन ने इस्राएल को एक "आतंकवादी देश" कहा जो "गजा में मासूम बच्चों की हत्या करता है."
रिपोर्टः एमजी/(रॉयटर्स, एएफपी)