एयरबस परिवहन विमान पर विवाद जारी
२० फ़रवरी २०१०एयरबस की योजना महात्वाकांक्षी थी, इरादा था सैनिक विमानों के क्षेत्र में भी पांव जमाने का. लेकिन बढ़ते ख़र्चों के कारण यह योजना अब मुश्किल में घिरी नज़र आ रही है. एयरबस के सैन्य ट्रांसपोर्टर ए 400 एम के ख़र्च में अरबों की वृद्धि पर कंपनी का सात ख़रीदार देशों के साथ विवाद है और विवाद का फिलहाल कोई समाधान होता नहीं दिख रहा है. सात ख़रीदार देश एयर बस को और साढ़े तीन अरब यूरो देने को तो राज़ी हैं लेकिन अपनी पेशकश को और बढ़ाने को कतई तैयार नहीं हैं.
फ़्रांसीसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि आगामी गुरुवार को ए 400 एम विमान के मुद्दे पर फिर से चर्चा होगी. यह बातचीत पाल्मा दे मायोर्का में यूरोपीय संघ के रक्षा मंत्रियों की बैठक के हाशिए पर होगी. शुक्रवार शाम जर्मन रक्षा मंत्रालय इस बैठक की पुष्टि करने की हालत में नहीं था. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि खरीदार देशों ने एयरबस को अंतिम पेशकश दी है. संसद के अनुमोदन की शर्त पर उन्होंने सोमवार की अपनी पेशकश फिर से दोहराई है.
इसमें क़ीमतों में 2 अरब यूरो की वृद्धि और डेढ़ अरब यूरो की निर्यात कर्ज़ गारंटी शामिल है. प्रवक्ता ने कहा, वित्तीय पहलुओं या अतिरिक्त तकनीकी परिवर्तन के सुझावों पर फिर से बातचीत को ठुकरा दिया गया है. एयरबस की मातृकंपनी इड्स और खरीदार देशों के बीच ख़र्च में वृद्धि के बंटवारे पर खींचतान जारी है. इड्स ने पहले कहा था कि खरीदार देशों की पेशकश पर फ़ैसले का समय नहीं आया है. अभी कुछ और मुद्दों को साफ़ करना है. खरीदार देशों में जर्मनी भी शामिल है जो सबसे अधिक नए ट्रांसपोर्ट विमान ख़रीदेगा.
ए 400 एम इस समय यूरोप की सबसे महंगी सैन्य परियोजना है. एयरबस ने 2003 में खरीदार देशों से 20 अरब यूरो की क़ीमत पर 180 ट्रांसपोर्ट विमान की आपूर्ति करने का सौदा किया था. पुराने पड़ गए ट्रांसआल विमानों को सेवा से हटाने के लिए जर्मनी ने 60 विमानों का ऑर्डर किया है. लेकिन इस बीच एयरबस अनुमानतः साढ़े 27 अरब यूरो मांग रहा है. ईड्स के प्रमुख लुई गलोवा और एयरबस प्रमुख थॉमस एंडर्स ने खरीदार देशों द्वारा रकम न देने पर ए 400 एम परियोजना को समाप्त करने की धमकी दी है. 7.6 अरब यूरो में से कंपनी ने 2.4 अरब रिजर्व के रूप में रखा है. खरीदार देश 3.5 अरब देने को तैयार हैं. विवाद 2.7 अरब यूरो पर है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एस गौड़