एयरपोर्ट पर हमला पर सुरक्षा में बदलाव नहीं
३ मार्च २०११यह बात अभी तक साफ नहीं हुई है कि फ्रैन्कफर्ट एयरपोर्ट पर दो अमेरिकी सैनिकों की गोली मार कर ह्त्या करने वाले शख्स का असली मकसद क्या था. लेकिन तहकीकात में इसे इस्लामी कट्टरपंथी गुटों से जोड़ कर देखा जा रहा है. जर्मनी के संघीय अभियोक्ता इस मामले की जांच कर रहे हैं. उन्होंने बताया, "हालात को ध्यान में रखते हुए ऐसा लग रहा है कि यह इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा किया गया हमला है."
जर्मनी के हेसे राज्य के गृहमंत्री बोरिस राइन के अनुसार आरिद उका नाम के इस 21 वर्षीय युवक ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है. उका मूल रूप से कोसोवो का रहने वाला है. राइन ने बताया कि शुरुआती जांच के अनुसार यह युवक एक इस्लामी कट्टरपंथी है लेकिन वह किसी आतंकवादी गुट का हिस्सा नहीं है.
कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं
घंटों चली पूछताछ के बाद पुलिस ने हमले की वजह पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. यह अटकल लगाई जा रही थीं कि हमलावर ने गोलियां चलने से पहले चिल्ला कर अल्लाह हो अकबर का नारा लगाया था. लेकिन पुलिस ने इस बात के पुष्टि नहीं की है. पुलिस ने फ्रैन्कफर्ट में उसके फ्लैट पर छपा मारा है और उसके माता पिता के घर की भी तलाशी ली है. पुलिस के पास हमलावर का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है.
कोसोवो की पुलिस ने भी सुनिश्चित किया है कि हालांकि यह शख्स 1990 में कोसोवो में पैदा हुआ, लेकिन उनके पास इसके किसी आतंकवादी गतिविधियों की सूचना नहीं है. कोसोवो की सरकार ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे हैवानियत भरा बताया है और कहा है इसके पीछे उस युवक के निजी कारण हो सकते हैं. यह व्यक्ती 1991 से जर्मनी में रह रहा है और यह भी माना जा रहा है कि उसने दिमागी रोग के चलते ऐसा किया.
ओबामा नाराज
हमले के बाद जर्मनी के विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने अमेरिका में हिलैरी क्लिंटन को फोन कर यह आश्वासन दिया कि जर्मनी अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा का पूरा इंतजाम करेगा. गृह मंत्री हान्स पेटर फ्रीडरिष ने घटना को दुखद बताया है. लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि क्योंकि शुरुआती जांच से ऐसा नहीं लग रहा कि इस युवक के किसी गुट से सम्बन्ध हो सकते हैं, इसलिए पूरे देश में सुरक्षा कड़ी करने की कोई जरूरत नहीं है.
अमेरिकी राष्ट्रपती बराक ओबामा ने मामले पर नाराजगी जताते हुए कहा है, "मैं इस घटना से बहुत दुखी हूं... मैं यह पता लगाने में कोई कसर नहीं छोडूंगा कि यह चौंका देने वाली घटना हुई कैसे." जर्मन चांसलर अंगेला मेर्केल ने घटना पर शोक प्रकट किया है और कहा है, "जर्मन सरकार हर हाल में इस मामले की बारीकी से तहकीकात करेगी."
जर्मनी की प्रसिद्ध पत्रिका श्पीगल के अनुसार युवक के फेसबुक पेज से उसके कट्टरपंथी होने का पता लगाया जा सकता है. सोशल नेट्वर्किंग साईट पर वह कई इस्लामी वेबसाइटों का 'फैन' है और उसने कई जिहादी गानों के लिंक भी शामिल किए हैं. कल इस शख्स ने जर्मनी के फ्रैंकफर्ट हवाई अड्डे पर अमेरिकी सैनिकों को लेकर जा रही एक बस पर गोलीबारी की थी, जिसमें दो अमेरिकी सैनिक मारे गए थे और दो घायल हुए.
रिपोर्टः एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादनः एन रंजन