जासूसी पर एनएसए की सफाई
३० अक्टूबर २०१३अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की खुफिया मामलों की समिति के सामने अपना पक्ष रखते हुए एनएसए प्रमुख जनरल कीथ एलेक्जेंडर ने कहा कि एनएसए ने कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया है. उन्होंने उन खबरों का खंडन किया जिनके अनुसार एनएसए ने यूरोप में करोड़ों फोन सुने. तीखे स्वर में उन्होंने कहा, "इस देश के लिए जरूरी है कि हम इसकी रक्षा करने में लगे रहें, फिर भले ही इसके लिए हमें आलोचनाओं का सामना करना पड़े, बजाए इसके कि हम एक (हैकिंग) प्रोग्राम को छोड़ दें और नतीजतन देश पर हमला होते हुए देखें."
यूरोप भी हिस्सेदार
समिति उन दस्तावेजों पर चर्चा कर रही थी जिनका खुलासा एडवर्ड स्नोडन ने किया. स्नोडन के बारे में बात करते हुए एलेक्जेंडर ने कहा कि वह वेबसाइट चलाने वाला एक ऐसा शख्स था जिसकी अधिकतर खुफिया फाइलों तक कोई पहुंच ही नहीं थी. उनकी सफाई के दौरान हॉल में कुछ लोग हाथ में 'स्टॉप स्पाईंग' का बैनर लिए प्रदर्शन करते भी दिखे. एक प्रदर्शनकारी ने तो चीखकर उनसे यह भी पूछा कि क्या आप अंगेला मैर्केल से माफी मांगेंगे.
एनएसए के पूर्व कॉन्ट्रैक्टर स्नोडन के खुलासे के बाद से अमेरिकी खुफिया एजेंसी लगातार सुर्खियों में बनी है. राष्ट्रपति बराक ओबामा पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है. रिपोर्टों के अनुसार ऐसा मुमकिन है कि ओबामा भी इस जासूसी से बेखबर हों. एनएसए पर जर्मन चासंलर समेत 34 देशों के शीर्ष नेताओं और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय की जासूसी के आरोप लगे हैं.
कीथ एलेक्जेंडर ने समिति के सामने कहा कि अगर राजनैतिक दबाव होगा तो वह जासूसी सीमित कर देंगे. उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया कि एनएसए यूरोप में भी जासूसी करती रही है. पर साथ ही यह भी कहा कि इन बातों को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जा रहा है और जो भी फोन सुने गए उनमें यूरोप की सरकारों की सहमति शामिल थी. स्पेन, फ्रांस और इटली में करोड़ों फोन सुनने की बात को उन्होंने "पूरी तरह गलत" कहकर खारिज किया.
हमेशा से होती रही है जासूसी
ऐसा भी माना जा रहा है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी ध्यान भटकाने के लिए अब यूरोप पर ही इल्जाम लगाना शुरू कर देगी कि वहां से भी अमेरिका की जासूसी की जाती है. यही सवाल समिति ने भी उठाया. नेशनल इंटेलिजेंस के अध्यक्ष जेम्स क्लैपर से जब पूछा गया कि क्या यूरोप ऐसा कर रहा है, तो उन्होंने जवाब दिया, "बेशक". उन्होंने कहा कि वह पिछले 50 साल से खुफिया एजेंसी के साथ जुड़े हुए हैं और उन्होंने हमेशा यही पाया है कि विदेशी नेताओं की जासूसी करना एक नियम जैसा है, "इससे यह पता चल पाता है कि जो वे कह रहे है और जो कर रहे हैं वह आपस में मेल खाता है या नहीं."
जासूसी की वजह से कड़ी आलोचना झेलने के बाद राष्ट्रपति ओबामा ने भी मामले की कड़ी समीक्षा के आदेश दिए हैं. अहम पदों पर बैठे कुछ अधिकारी तो एनएसए के काम करने के तरीके को ही बदलने की वकालत कर रहे हैं.
आईबी/ओएसजे (एपी/रॉयटर्स/डीपीए)