एएफडी के विरोध में खूब उठीं आवाजें
२४ सितम्बर २०१७यूं तो चुनाव पूर्व सर्वेक्षण सीडीयू-सीएसयू की बढ़त दिखाते नजर आ रहे हैं लेकिन अंतिम नतीजे ही बुंडेसटाग में गठबंधन सरकार का फैसला करेंगे. ये चुनाव तमाम कारणों से जर्मन राजनीति के लिए अहम हैं क्योंकि यह पहला मौका है जब छह राजनीतिक दल बुडेंसटाग में प्रवेश के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं. इस चुनावी सरगर्मी का असर न सिर्फ मतदान केंद्रों पर नजर आया बल्कि सोशल मीडिया में भी जर्मन चुनाव ट्रेंड कर रहा था और आम लोगों ने मतदाताओं से अपने मत का इस्तेमाल करने की जमकर अपील की. साथ ही एक बड़ा धड़ा एएफडी के विरोध में टि्वटर पर खूब सक्रिय नजर आ रहा था और इन लोगों ने अपने ट्वीट में एएफडी को वोट न देने की भी अपील की.
भारतीय मूल के मनीष शर्मा ने ट्वीट कर लोगों से लोकतंत्र में मिले इस अधिकार को प्रयोग करने की अपील की और कहा कि अपने लिए वोट कीजिए.
टि्वटर पर जर्मन राष्ट्रपति की वो तस्वीर भी खूब शेयर की जा रही है जिसमें वह आम लोगों के साथ वोट देने के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा करते नजर आ रहे हैं.
कुछ लोगों ने एएफडी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि धुर दक्षिणपंथी दल एएफडी ने खुद को मजबूत बताने के लिए टि्वटर का भी इस्तेमाल किया है.
लोगों ने यहां तक कि कहा कि वोट देने जाइए लेकिन अगर एएफडी को वोट देना हैं तो घर में ही बैठना ठीक रहेगा.
कुछ लोगों ने देश भर से अपील करते हुए कहा कि ये मत पूछिए कि आपके देश ने आपके लिए क्या किया है ये पूछिए की आप एएफडी के खिलाफ क्या कर सकते हैं.