ईरान में ड्रेसकोड नहीं मानने पर कड़ी सजा का नया कानून
२० सितम्बर २०२३ड्रेसकोड का पालन नहीं करने पर महिलाओंके लिए सजा सख्त करने का कानून महसा अमीनी की मौत के ठीक एक साल बाद आया है. 22 साल कीमहसा अमीनी के सिर नहीं ढंकने पर ईरान की नैतिक पुलिसने उसे हिरासत में लिया था. इस दौरान हुई कथित पिटाई से अमीनी की मौत हो गई. इसके बाद ईरान में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला चल पड़ा. देश और विदेश में कई औरतों ने चोटी काट कर प्रदर्शन किया.
इन प्रदर्शनों के खिलाफ सरकार के बलप्रयोग में कई लोगों की जान गई. इतना ही नहीं सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कुछ लोगों को फांसी की सजाभी दी गई है. ईरान की सरकार ने इन विरोध प्रदर्शनों को "दंगा" कहा और इसके खिलाफ जम कर बल प्रयोग किया.
हालांकि इस घटना के बाद से बहुत सी ईरानी महिलाओं को सार्वजनिक रूप से बिना हिजाब पहने देखा जाने लगा. महिलाएं ऐसे कपड़े पहन कर बाहर भी जा रही हैं जो इस्लामी ड्रेसकोड के अनुरूप सही नहीं हैं.
नये बिल को मंजूरी
इसी बीच ईरान की संसद ने 'सपोर्ट फॉर द कल्चर ऑफ हिजाब एंड चेस्टिटी' बिल को तीन साल की परीक्षण अवधि के लिए मंजूरी दे दी है. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने इस बात की जानकारी दी है. संसद के 290 सदस्यों में से 152 ने इसके पक्ष में वोट दिया. 35 लोगों ने इसके विरोध में वोट दिया जबकि 7 सांसदों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. बाकी सांसद इस मौके पर संसद से गैरहाजिर रहे. इस बिल को कानून बनाने के लिए अभी गार्जियन काउंसिल से पारित कराना होगा.
बिल में प्रावधान है कि अगर ईरान की सरकार इसे देश के विदेशी दुश्मन देशों से प्रेरित मानती है तो सजा और ज्यादा सख्त होगी. बिल के मुताबिक जो महिलाएं ड्रेस के नियमों का, "विदेशी या दुश्मन सरकारों, मीडिया, समूहों या संगठनों से सहयोग के तहत उल्लंघन करेंगी" उन्हें पांच से दस साल तक की सजा मिल सकती है. जिन लोगों को सार्वजनिक जगहों पर अधनंगा देखा जाएगा उन्हें भी लंबी कैद की सजा दी जाएगी.
बिना हिजाब पहने या फिर "अनुचित कपड़े" पहन कर कार चलाने वाली महिलाओं पर 10 डॉलर का जुर्माना लगेगा. हिजाब की खिल्ली उड़ाने या फिर नंगेपन को बढ़ावा देने वालों पर भी जुर्माना लगाने की बात इस बिल में है. कारोबारी मालिकों के कर्मचारी अगर ड्रेसकोड का उल्लंघन करेंगे तो उनके देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी जाएगी.
ड्रेसकोड का उल्लंघन बढ़ा
ईरान में अब बहुत सी महिलाएं ड्रेसकोड का उल्लंघन कर रही हैं, खासतौर से तेहरान में. इसे देखते हुए ईरान की न्यायपालिका और कार्यपालिका ने मई में "समाज की रक्षा" और "पारिवारिक जीवन को मजबूत" करने के लिए इस बिल का प्रस्ताव रखा था. ईरान के रुढ़िवादी सत्ताधारी दल का मानना है कि नियमों को उदार बनाने से "सामाजिक तंत्र" बिखर जाएगा.
ईरान में औरतों के लिए सिर और गर्दन को ढंक कर रखना 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद के वर्षों में शुरू हुआ. प्रशासन और पुलिस के गश्ती दलों ने हाल के महीनों में नियम तोड़ने वाली महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है. नियम नहीं मानने वाले कारोबार बंद किए जा रहे हैं और सार्वजनिक जगहों पर इसका उल्लंघन रोकने के लिए कैमरे लगाए गए हैं.
एनआर/ओएसजे (एएफपी)