ईरान की नाफरमानी पर पश्चिमी देश अब क्या करेंगे
७ नवम्बर २०१९ईरान सरकार के बयान में कहा गया है कि "गुरुवार के पहले मिनटों" में ही इंजीनयरों ने प्लांट के सेंट्रीफ्यूजों में यूरेनियम हेक्साफ्लुराइड गैस भरना शुरू कर दिया. ईरान ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु निरीक्षकों के टीम की एक सदस्य की आधिकारिक मान्यता भी रद्द कर दी है.
लंबे समय तक गोपनीय रहे फोर्दो संयंत्र में यूरेनियम के संवर्धन पर रोक लगाने के लिए ईरान संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को हटाने के एवज में तैयार हुआ था. बुधवार को जब ईरान ने इस संयंत्र में संवर्धन फिर से शुरू करने का एलान किया तभी से अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कान खड़े हो गए हैं. ईरान के साथ परमाणु करार में शामिल देशों ने इस पर गहरी चिंता जताई है. इस परमाणु डील से अमेरिका के बाहर चले जाने के बाद भी ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी और रूस किसी तरह इसे बचाने की कोशिश में जुटे हैं. इन देशों का कहना है कि ईरान का अपनी प्रतिबद्धताओं से एक एक कर बाहर आना परिस्थितियों को और मुश्किल बनाएगा.
यूरेनियम का संवर्धन एक संवेदनशील प्रक्रिया है. इसके जरिए परमाणु बिजली घरों के लिए ईंधन बनाने के साथ ही परमाणु हथियारों के उच्च संवर्धित विखंडनीय भीतरी हिस्से भी बनाए जाते हैं. फोर्दो परमाणु संयंत्र शियाओं के पवित्र शहर कोम के उत्तर में पहाड़ी इलाके में है. सेंट्रीयफ्यूजों में अब यूरेनियम का संवर्धन 4.5 फीसदी तक हो रहा है जो परमाणु करार में तय की गई सीमा से ऊपर है. हालांकि हथियार बनाने के लिए जरूरी 90 फीसदी की सीमा से यह अब भी बहुत दूर है.
फोर्दो में 1044 सेंट्रीफ्यूज पहले बिना यूरेनियम गैस के ही चल रहे थे जिसकी परमाणु करार में मंजूरी दी गई थी. करार में फोर्दो को "एक परमाणु, भौतिकी और तकनीकी केंद्र" बताया गया. 2009 में अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने के बाद ईरान ने इसकी मौजूदगी को स्वीकार किया था. पश्चिमी देश आशंका जताते हैं कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम का मकसद हथियार बनाना है.
ईरान हमेशा से अपने परमाणु कार्यक्रम के सैन्य उद्देश्य से इनकार करता है. वह यह भी कहता है कि उसने जो भी कदम उठाए हैं वह पारदर्शी हैं और तेजी से वापस लिए जा सकते हैं अगर समझौते में शामिल बाकी सदस्य ईरान पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों से बचने का कोई रास्ता निकालें. ईरान की परमाणु संस्था का कहना है, "ये सारी गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग की देखरेख में ही हो रही हैं.
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी आईएईए से जुड़े एक सूत्र ने समाचार एजेंसी एएफपी को पहले बताया कि फोर्दो के संयंत्र में निरीक्षक मौजूद हैं और वे ईरान के उठाए कदमों के बारे में रिपोर्ट भेज रहे हैं. इस बीच गुरुवार को ईरान ने कहा है कि उसने संयुक्त राष्ट्र की एक परमाणु निरीक्षक की आधिकारिक मान्यता रद्द कर दी है. पिछले हफ्ते नतांज यूरेनियम संवर्धन प्लांट के गेट पर इस निरीक्षक को लेकर "खतरे की घंटी" बज गई थी. इसके नतीजे में उस निरीक्षक को गेट पर ही रोक लिया गया. अधिकारियों को शक था कि उस निरीक्षक के पास कोई "संदिग्ध वस्तु" थी. ईरानी परमाणु उर्जा संगठन ने यह तो नहीं बताया कि "संदिग्ध वस्तु" मिली या नहीं, लेकिन इतनी जानकारी जरूर दी है कि उसकी मान्यता रद्द कर दी गई है. उसके बाद वह निरीक्षक वियना चली गई.
ईरान ने यूरेनियम संवर्धन पर ताजा कदम उस समयसीमा के खत्म होने के बाद उठाया है जो उसने समझौते में शामिल बाकी देशों को विदेशी कंपनियों के ईरान के साथ बिना अमेरिकी जुर्माने के कारोबार करने का रास्ता बनाने के लिए दी थी. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने तेहरान के एलान पर चिंता जताई है लेकिन यह भी कहा है कि यूरोपीय ताकतें अपनी जिम्मेदारी निभाएंगी. लावरोव ने मॉस्को में पत्रकारों से कहा, "वे ईरान से बिना किसी रोक के (शर्तों) को पूरा करने के लिए कह रहे हैं लेकिन उसके बदले में कुछ दे नहीं रहे हैं. " रूस ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को पहले "अभूतपूर्व और अवैध" बता चुका है.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कहा है कि ईरान ने यूरोनियम संवर्धन शुरू कर "गंभीर" फैसला लिया है जो उसकी पुरानी स्थिति से "बिल्कुल अलग" है. चीन की यात्रा पर गए फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा, "आने वाले दिनों में मैं इस पर चर्चा करूंगा, जिसमें ईरानी भी शामिल होंगे. निश्चित तौर पर हमें सामूहिक रूप से नतीजों के बारे में सोचना चाहिए."
अगले कुछ हफ्ते ईरान पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव रहेगा और कोशिश की जाएगी कि ईरान समझौते के दायरे के अंदर आ जाए. माक्रों ने कहा कि इसके साथ ही "प्रतिबंधों से कुछ छूट भी मिलनी चाहिए."
जर्मन विदेश मंत्री हाइको मास ने तेहरान के कदमों को "अस्वीकार्य" बताया है तो ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने कहा है कि उनका देश रचनात्मक अंतरराष्ट्रीय बातचीत के जरिए आगे बढ़ना चाहेगा. हालांकि उन्होंने ईरान से अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरी करने के लिए भी कहा. जर्मन विदेश मंत्री ने ईरान जुलाई के बाद उठाए सभी कदमों को वापस लेने के लिए कहा है.
एनआर/एके(एएफपी, एपी)
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