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ईरान ने जलमार्ग बंद करने की धमकी दी

२९ दिसम्बर २०११

लगातार प्रतिबंध और प्रतिबंधों की धमकियां सुनते सुनते आजिज आने के बाद ईरान ने अपनी तरफ से बड़ी धमकी दे दी है. उसका कहना है कि हॉरमुज जलमार्ग को वह बंद कर देगा. इससे पूरी दुनिया का तेल कारोबार चौपट हो सकता है.

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तस्वीर: Fars

विश्लेषक कहते हैं कि फारस की खाड़ी में हॉरमुज जल मार्ग को लेकर उबल रहा राजनीतिक तनाव सैन्य कार्रवाई को बुलावा दे सकता है. अमेरिका और इस्राएल अब ईरान से ठोस खतरे की बात कह रहे हैं. हॉरमुज जलमार्ग से दुनिया का लगभग 15 प्रतिशत तेल जाता है और इसके बंद होने से ईरान को ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व की कमजोर अर्थव्यवस्था पर और बोझ पड़ेगा.

"पानी पीने जैसा आसान"

ईरान की सरकार और अमेरिका के बीच तू तू मैं मैं रुकने का नाम नहीं ले रही है. जहां ईरान के सैन्य प्रमुख ने इस हफ्ते कहा कि उनके सैनिक "आराम से" हॉरमुज जलमार्ग बंद कर सकते हैं, वहीं नौसेना प्रमुख के मुताबिक, "यह पानी पीने जैसा आसान काम होगा." हर रोज इस रास्ते 1.5 करोड़ बैरल कच्चा तेल जाता है.

Iran Marine Übung Militär
तस्वीर: picture-alliance/dpa

पिछले दो दिनों में ईरान की यह दूसरी धमकी है. ईरान को इस बात की चिंता है कि अमेरिका की सरकार उसके परमाणु कार्यक्रम के चलते कच्चे तेल के निर्यात पर रोक लगाएगा. हालांकि अब तक पश्चिमी देश भी ईरान पर प्रतिबंधों को लेकर एकमत नहीं हो पाए हैं. उनका मानना है कि ईरान गुप्त तरीके से परमाणु हथियार विकसित कर रहा है. ईरान इस बात पर अड़ा हुआ है कि उसका कार्यक्रम केवल बिजली उत्पादन के लिए है.

युद्ध की तैयारी?

अब ईरान पश्चिमी प्रतिबंधों का जवाब अपनी तरह से दे रहा है. ईरान के अधिकारी हबीबुल्लाह सय्यारी ने सरकारी टीवी चैनल पर कहा, "ईरान का इस रणनीतिक जलमार्ग पर पूरा नियंत्रण है," जिसके बाद अमेरिका ने भी मामले पर अपनी चिंता जताते हुए बयान देने शुरू कर दिए. पेंटागन में प्रेस सचिव जॉर्द लिटल ने कहा कि यह मामला पूरे क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता के लिए ही जरूरी नहीं है. यह रास्ते खाड़ी देशों की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत जरूरी है. उधर, बहरीन में अमेरिकी नौसेना छावनी की प्रवक्ता रिबेका रेबारिच ने साफ कर दिया है कि अमेरिकी नौसेना उस तरह की हर कार्रवाई का सामना करने को तैयार है जिससे की यातायात में परेशानी आ रही हो.

तनाव के नए दौर की शुरुआत तब हुई जब पिछले हफ्ते हॉरमुज के पास ईरान ने सैन्य अभ्यास का आयोजन किए. इनमें पनडुब्बियों, मिसाइल अभ्यास और ड्रोन विमानों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. विश्लेषकों के मुताबिक तेहरान में सरकार हॉरमुज में बारूदी सुरंग भी लगा रही हो सकती है. शोध संगठन सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के एंथनी कोर्ड्समैन के मुताबिक, इलाके में बारूदी सुरंगों को लगाने का मतलब होगा कि ईरान युद्ध के लिए उकसा रहा है और अमेरिकी सेना इसका जवाब देगी.

विश्व आर्थिक सकंट?

कच्चे तेल के निर्यात पर ईरान की 80 प्रतिशत आमदनी निर्भर है. वित्तीय शोध संस्था आईएचएस ग्लोबल के रिचर्ड कोक्रेन के मुताबिक, विश्व बाजारों पर हॉरमुज को लेकर अनिश्चितता अभी से अपने असर दिखा रही है. ऊर्जा सलाहकार कंपनी शोर्क ग्रुप के मुताबिक हॉरमुज के बंद होने से कच्चे तेल के दाम प्रति बैरल 140 डॉलर तक बढ़ेंगे. वहीं, ईरानी विश्लेषकों का मानना है कि तेल के दाम 250 डॉलर तक जा सकते हैं. लेकिन कोक्रेन कहते हैं कि इससे ईरान की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा, साथ ही अमेरिकी भी कार्रवाई अगर करें तो इलाके में अस्थिरता बढ़ेगी. इसलिए, ईरान के नेता जल मार्ग को बंद करने का फैसला इतनी आसानी से नहीं लेंगे.

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तस्वीर: picture alliance / abaca

वहीं, खाड़ी देश अमेरिकी प्रतिबंध से होने वाले तेल के अभाव से जूझने की तैयारी में लगे हुए हैं. सऊदी अरब रोजाना 1.2 करोड़ बैरल का उत्पादन कर सकता है और विश्व बाजार में अगर कमी होती है तो इस कमी को पूरा करने में सऊदी अरब की मदद ली जा सकती है. लेकिन अगर ईरान ने सचमुच हॉरमुज को बंद कर दिया, तो खाड़ी देश तेल के लिए किस समुद्री रास्ते का इस्तेमाल कर सकेंगे, यह अभी साफ नहीं है. अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात को लेकर कुछ नहीं कहा है लेकिन ओबामा शासन यह मान कर चल रही है कि अगर हॉरमुज को लेकर परेशानी खड़ी हुई तो वे सैन्य कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे.

रिपोर्टः एफपी, रॉयटर्स/एमजी

संपादनः ए जमाल

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