इस साल की शख्सियत पोप
११ दिसम्बर २०१३पत्रिका ने लिखा है कि विश्व मंच पर सक्रिय किसी और शख्सियत को सभी पक्षों की ओर से शायद ही कभी इतनी जल्दी इतनी तवज्जो मिली है, जितनी नौ महीने पहले पोप बने फ्रांसिस को मिली है. अर्जेंटीना से आने वाले फ्रांसिस पिछले मार्च में जर्मनी के पोप बेनेडिक्ट सोलहवें के इस्तीफे के बाद पोप चुने गए थे.
76 वर्षीय फ्रांसिस को कैथोलिक गिरजे में सुधार लाने की कोशिशों और उनके सादगी भरे जीवन के लिए काफी सराहना मिली है. इस फैसले की घोषणा करते हुए पत्रिका की संपादक नैन्सी गिब्स ने कहा, "पद पर नौ महीने के अपने छोटे से समय में उन्होंने जितना किया है, उसने वैटिकन से आने वाले लहजे को बदल दिया है."
पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को फिर से राष्ट्रपति चुने जाने के बाद दूसरी बार टाइम पत्रिका ने साल की शख्सियत चुना था. 2011 में पत्रिका ने इस सम्मान के लिए एक अज्ञात प्रदर्शनकारी को चुना था और इसके साथ अरब दुनिया में लोकतंत्र के लिए और न्यूयॉर्क में ऑक्युपाय आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरने वाले आम आदमी का सम्मान किया था.
पोप फ्रांसिस ने साल का शख्सियत चुने जाने की राह पर अमेरिका की खुफिया एजेंसी एनएसए के पूर्व एजेंट एडवर्ड स्नोडेन और समलैंगिक अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले एक्टिविस्ट एडिथ विंडसर को पीछे छोड़ दिया. टाइम पत्रिका ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, "इस पोप को इतना अहम बनाने वाली बात वह गति है जिसके साथ उन्होंने लाखों लोगों की भावनाओं को उद्वेलित किया है, जिन्होंने चर्च से उम्मीद करना बंद कर दिया था."
वैटिकन के प्रवक्ता ने टाइम पत्रिका के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि होली फादर प्रसिद्ध होना या सम्मान पाने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं, लेकिन यदि यह सम्मान उनके संदेश को फैलाने में मदद करता है तो उन्हें इस पर निश्चित तौर पर प्रसन्नता होगी.
एमजे/एमजी (एएफपी, डीपीए)